Zomato Pay-Swiggy Diner: भारतीय राष्ट्रीय रेस्टोरेंट संघ (NRAI) ने अपने सदस्यों को जोमैटो पे (Zomato Pay) और स्विगी डिनर (Swiggy Diner) की तरफ से दिए जाने वाले डिस्काउंट प्रोग्राम के खिलाफ एक सलाह जारी किया है. एनआरएआई ने कहा है कि इस तरह के छूट कार्यक्रमों की पेशकश रेस्टोरेंट मालिकों के हितों के खिलाफ है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, परामर्श में आरोप लगाया गया है कि जोमैटो और स्विगी ‘बिचौलिये’ के रूप में रेस्तरां के बिल पर पैसा कमा रहे हैं.

एनआरएआई ने कैसे है भेदभाव 

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खबर के मुताबिक,एनआरएआई (NRAI) ने कहा कि जोमैटो पे और स्विगी डिनर अपने छूट कार्यक्रमों से जुड़ने पर जरूरी रूप से छूट की पेशकश करते हैं और हर बिल पर रेस्टोरेंट से कमीशन शुल्क भी देते हैं. एनआरएआई ने अपने सदस्यों को लिखा कि जोमैटो पे और स्विगी डिनर दोनों मोटे तौर पर एक ही तरह से काम करते हैं और इस कार्यक्रम से जुड़ने वाले ग्राहकों से शुल्क नहीं लेते हैं, जबकि रेस्टोरेंट (restaurant) को कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए जरूरी तौर पर  15 से 40 प्रतिशत की छूट देनी होती है.

हर ट्रांजैक्शन पर देना होता है कमीशन

भारतीय राष्ट्रीय रेस्टोरेंट संघ (National Restaurant Association of India)  ने कहा कि रेस्टोरेंट को जरूरी तौर पर जोमैटो या स्विगी से संबंधित पेमेंट प्लेटफॉर्म के जरिये किए गए हर लेनदेन (ट्रांजैक्शन) पर चार से 12 प्रतिशत की सीमा में कमीशन का भुगतान करना होता है जबकि प्रतिस्पर्धी भुगतान मंच (पेमेंट प्लेटफॉर्म ) एक से डेढ़ प्रतिशत का कमीशन लेते हैं. एनआरएआई ने कहा कि यहां सवाल यह है कि एक रेस्टोरेंट को अपने ही ग्राहक को छूट देने के लिए एक बिचौलिए को कमीशन क्यों देना चाहिए?.

जोमैटो ने कमेंट करने से किया इनकार

एनआरआईए (NRAI) की तरफ से उठाये गए मामले पर जोमैटो (Zomato) के प्रवक्ता ने कमेंट नहीं किया लेकिन कहा कि नई डाइनिंग पेशकश के साथ हैदराबाद में कुछ हफ्तों में शानदार रिजल्ट्स देखने को मिले है. हमें विश्वास है कि हम उद्योग के लिए जबर्दस्त मूल्य और वृद्धि पैदा करेंगे. भारत में ऑनलाइन फूड की डिमांड बहुत ही तेजी से बढ़ी रही है. महानगरों के बाद अब छोटे शहरों में भी इसका चलना बढ़ा है.