वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज किया गया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने के मुताबिक, वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने मोजाम्बिक में अपनी तेल और गैस कंपनियों की फाइनैंसिंग में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्शियम के कुछ अधिकारियों के साथ मिली भगत करके गड़बड़ की थी. तेल मंत्रालय की शिकायत के बाद CBI ने प्राथमिक जांच के लिए यह एफआईआर दर्ज की है.

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शुरुआती जांच में पता चला है कि साल 2008 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (VIL) के मालिकाना हक वाली कंपनी वीडियोकॉन हाइड्रोकार्बन्स होल्डिंग लिमिटेड (VHHL) ने मोजांबिक के ऑयल ऐंड गैस ब्लॉक (रोउमा एरिया 1 ब्लॉक) में 10 फीसदी 'पार्टिसिपेटिंग इंट्रेस्ट' खरीदे. ये डील अमेरिका की अनाडार्को से की गई. CBI के मुताबिक, साल 2014 में मोजांबिक की इन संपत्तियों को ONGCVL और ऑयल इंडिया लिमिटेड ने 2519 मिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीद लिया था.

अप्रैल 2012 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में ICICI और IDBI बैंक के कंसोर्टियम ने VHHL को मोजांबिक, ब्राजील और इंडोनेशिया में काम बढ़ाने के लिए 2773.60 मिलियन अमेरिकी डॉलर का स्टैंडर्ड लेटर ऑफ क्रेडिट (SBLC) सैंक्शन कर दिया. हालांकि, इस कर्ज के एक हिस्से को ‘री-फाइनेंस’ किया गया, जिसमें स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (SCB), लंदन को 40 करोड़ डॉलर का बकाया भी शामिल है.

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करीब 10 महीने बाद VIL ने समूह से कहा कि SCB का लोन बढ़ गया है, उसने इसका भुगतान करने को कहा है. ऑयल एंड गैस संपत्ति का प्रभार संभाल लिया. समूह ने बढ़ी हुई रकम को बगैर जांच किए कथित तौर पर मंजूरी प्रदान कर दी.

एजेंसी ने आरोप लगाया कि शुरुआती जांच और तथ्यों से यह पता चलता है कि SBI के नेतृत्व में लोन देने वाले बैंकों के अज्ञात अधिकारियों ने धूत के साथ साजिश रचकर VHHL को SCB से फायदा उठाते रहने में मदद की. इस तरह वीडियोकॉन को गलत तरीके से फायदा हुआ और पब्लिक सेक्टर बैंकों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया गया.