कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के प्रसार को रोकने के लिए लोगों से साफ-सफाई खासकर हाथों की सफाई की लगातार अपील की जा रही है. हाथों की सफाई के लिए हैंड सैनिटाइजर (Hand sanitizer) के इस्तेमाल की सलाह दी जा रही है. जैसे-जैसे कोरोना का असर बढ़ रहा है सैनिटाइजर की भी मांग लगातार बढ़ रही है. आलम ये है कि बाजार से सैनिटाइजर गायब है. अलग कहीं मिल भी रहा है तो महंगे दामों पर या फिर मिलावटी सैनिटाइजर मिल रहा है.

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सैनिटाइजर की आपूर्ति के लिए सरकार ने चीनी मिलों (Sugar Mills) और शराब कारखानों को सैनिटाइजर का उत्पादन करने की अपील की है. उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 चीनी मिलों को हैंड सैनिटाइजर बनाने की अनुमति दी है. इन शुगर मिलों ने रविवार से सैनिटाइजर का उत्पादन शुरू भी कर दिया है.

राज्य सरकार ने प्रदेश की 119 चीनी मिलों में से 29 को अल्कोहल-बेस सैनिटाइजर बनाने की अनुमति दी गई. जिन 25 मिलों को अनुमति मिली है, उनमें से पांच बिजनौर जिले की हैं.

इस पहल से चीनी उद्योगों के राजस्व को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. गन्ने के रस से चीनी निकाले जाने के बाद, गुड़ से शराब का उत्पादन किया जाता है. इसलिए, इन मिलों में सैनिटाइजर का उत्पादन करने के लिए कच्चा माल होगा.

अतिरिक्त गन्ना आयुक्त वीके शुक्ला ने  बताया कि कोरोनावायरस ने देश को दहला दिया है जिसके बाद से सैनिटाइजर की मांग आसमान छू गई है. बाजार में मांग और आपूर्ति में भारी अंतर है, जो इस निर्णय के बाद कम हो जाएगा. उन्होंने बताया कि बिजनौर में बरकतपुर मिल से प्रतिदिन लगभग 5,000 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन होने की उम्मीद है.

बता दें कि उत्तर सरकार ने राज्य आबकारी आयुक्तों, गन्ना आयुक्तों, ड्रग नियंत्रकों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के जिला कलेक्टरों को हैंड सैनिटाइजर्स के निर्माताओं को इथेनॉल / ईएनए की आपूर्ति में किसी भी अड़चन के लाइसेंस देने की बात कही थी.

डिस्टिलरी (Distilleries) और शुगर मिलों (Sugar mills) में बड़े पैमाने पर हैंड सैनिटाइजर का उत्पादन किया जा सकता है. सरकार की और से डिस्टिलरी और शुगर मिलों को सैनिटाइजर बनाने के लिए  प्रेरित किया जा रहा है. साथ ही जिन प्लांट में सैनिटाइजर बनाने का काम चल रहा है वहां उत्पादन की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने की बात कही गई है. प्लांटों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तीन शिफ्ट लगातार सैनिटाइजर का उत्पादन बढ़ाएं. 

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सरकार ने तय किए दाम

आम लोगों और हॉस्पिटल को उचित कीमत पर सैनिटाइजर मुहैया हो सके, इसके लिए सरकार ने सैनिटाइजर का अधिकतम खुदरा मूल्य (Maximum Retail Price) भी तय कर दिया है. 200 एमएल सैनिटाइजर को 100 रुपये से अधिक कीमत पर नहीं बेचा जा सकता है.