किसी वेंडर के लिए अब नकली सामान बेचना आसान नहीं होगा. सरकार ने अब वेंडरों के सत्यापन करने का फैसला कर लिया है. दपअसल, सरकारी ऑनलाइन पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पर कुछ कंपनियों की ओर से नकली वस्तुएं बेचे जाने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इसको देखते हुए सरकार ने वेंडरों के सत्यापन का फैसला किया है. अलग-अलग क्षेत्रों के 100 से अधिक ज्यादा ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स (ओईएम) यानी कंपनियों से जीईएम पर बिक्री करने के इच्छुक अपने वेंडरों का सत्यापन करने को कहा गया है.

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इन सामानों की थी ज्यादा शिकायत 

सार्वजनिक उपक्रमों, विभागों और राज्यों की खरीद के लिए जीईएम वाणिज्य मंत्रालय का ऑनलाइन प्लेटफार्म है. जीईएम पर नकली वस्तुओं की बिक्री के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया. नकली सामान बेचने के मामले खासकर आईटी, हार्डवेयर, फर्नीचर और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में सबसे ज्यादा आए. 

उद्योग संगठनों करेंगे मदद

इस संबंध में गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस की चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) राधा चौहान ने बताया कि नकली सामान की बिक्री पर रोक लगे, इसके लिए हमने देश के जाने-माने उद्योग संगठनों- सीआईआई, पीएचडीसीसीआई और नास्कॉम से करार किया है. हमने अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सदस्य कंपनियों को पहुंचने की अनुमति दी है. ये सदस्य ऑनलाइन बिक्री करने वाले वेंडरों की पहचान करेंगी और नकली वेंडरों को पकड़ने में बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं.

विक्रेता खुद को कर सकते हैं रजिस्टर 

जीईएम का कहना है कि हमारी इस कोशिश रंग लाएगी. यह इस मंच पर नकली सामानों की बिक्री को रोकने में मददगार साबित होगा. जागरण की खबर के मुताबिक, यह कदम ओईएम के हित में है क्योंकि ऐसी वस्तुओं की बिक्री से कंपनी और उत्पाद दोनों की छवि खराब होती है. ओईएम की ओर से मंजूरी होने के बाद विक्रेता खुद को जीईएम मंच पर रजिस्टर भी कर सकते हैं.

मंत्रालय ने सरकार के लिए एक खुला और पारदर्शी खरीद के लिए ऑनलाइन मंच बनाने के उद्देश्य से अगस्त 2016 में जीईएम को पेश किया था. इस प्लेटफार्म पर टॉप पांच उत्पाद श्रेणियों में ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर और कार्यालय से जुड़े फर्नीचर शामिल हैं. इसके अलावा आप यहां सुरक्षा, कैटरर और वाहन भर्ती सेवा का भी लाभ ले सकते हैं.