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दुनिया का सबसे पावरफुल ब्रांड है होटल ‘Taj’, 'बंबई के प्रेम' में जमशेदजी टाटा ने रखी थी नींव

होटल 'ताज' देश की पहली ट्रेडमार्क इमारत. दुनिया की उन चुनिंदा इमारतों में शामिल है, जो ट्रेडमार्क हैं. इनमें न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग, पेरिस का एफिल टावर और सिडनी का ऑपेरो हाउस भी शामिल है. अब होटल ‘ताज’ के नाम एक और खिताब जुड़ गया है. टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) का सबसे बड़ा ब्रांड ‘ताज’ ही है. ब्रिटेन की ब्रांड वैल्यूएशन कंसल्टेंसी ‘Brand Finance' ने अपनी 'एनुअल होटल्स 50 2021' रिपोर्ट में इस होटल 'दुनिया का सबसे स्ट्रॉन्ग होटल ब्रांड' बताया है.
Updated on: June 28, 2021, 06.28 PM IST
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ताजमहल के नाम पर रखा था नाम

16 दिसंबर, 1903 में 17 मेहमानों के लिए खुला 'ताज महल पैलेस' (The Taj Mahal Palace, Mumbai) टाटा ग्रुप के फ़ाउंडर, जमशेदजी टाटा (Jamsetji Nusserwanji Tata) का सपना था. जमशेदजी टाटा ने आधुनिक भारत के लिए कई सपने देखे थे. उनमें से 'ताजमहल पैलेस' इकलौता ऐसा सपना है, जो उनके जीवनकाल में पूरा हो पाया. होटल का नाम 'ताजमहल' के नाम पर रखा गया है, जो आगरा शहर में स्थित है. होटल दो अलग-अलग इमारतों से बना है: ताजमहल पैलेस और टावर. ताज महल पैलेस 20वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाया गया था. जबकि टावर 1973 में खोला गया.  

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पहला ऐसा होटल जिसमें बिजली थी

मुंबई में 'गेटवे ऑफ़ इंडिया' के सामने खड़ा 'ताज होटल' ऐसी ही एक विशाल इमारत है. 16 दिसंबर 1903 को होटल खुला. मुंबई (तब बंबई) का यह पहला होटल था, जिसमें बिजली थी. देश का पहला ऐसा होटल था जिसे बार (हार्बर बार) और दिन भर चलने वाले रेस्त्रां का लाइसेंस मिला था. 1972 में देश की पहली 24 घंटे खुली रहने वाली कॉफी शॉप यहीं थी. ताज महल पैलेस में ही देश का पहला ऐसा रेस्त्रां है, जहां सबसे पहले AC रेस्त्रां बनाया गया था. ताज देश का पहला होटल था, जिसमें इंटरनेशनल स्तर का डिस्कोथेक था. जर्मन एलीवेटर्स लगाए गए थे. तुर्किश बाथ टब और अमेरिकन कंपनी के पंखे लगाए गए थे.

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फ्रेंच शेफ चलाते थे किचन, बटलर्स थे अंग्रेज

ताज देश का पहला ऐसा होटल था, जिसमें अंग्रेज बटलर्स हायर किए गए थे. शुरुआती चार दशकों तक होटल का किचन फ्रेंच शेफ ही चलाते थे. आतंकी हमले के बाद बराक ओबामा इस होटल में रुकने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष थे.  

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हमेशा होटल नहीं रहा ताज...

इतिहासकार शारदा द्विवेदी की किताब के मुताबिक, पहले विश्व युद्ध (First World War) के दौरान होटल को 600 बेड वाले हॉस्पिटल में बदला गया था. होटल की शुरुआत में सिंगल रूम का किराया 10 रुपए था. पंखे और अटैच्ड बाथरूम वाले कमरों का किराया 13 रुपए था.

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शुरुआत भारतीय आर्किटेक्ट ने की, अंजाम अंग्रेज आर्किटेक्ट ने दिया

होटल ताजमहल पैलेस की शुरुआत भारतीय आर्किटेक्ट (Indian Architect) सीताराम खांडेराव वैद्य और डीएन मिर्जा की थी. इन्हीं के डिजाइन पर होटल का निर्माण हुआ. हालांकि, सीताराम की मृत्यु के बाद अंग्रेज आर्किटेक्ट डब्ल्यू ए चैंबर्स ने इसे पूरा करवाया. 

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बंबई के प्रेम हुआ था निर्माण

ऐसा कहा जाता है कि जमशेदजी टाटा (JamsetJi Tata) ने होटल का निर्माण इसलिए करवाया था क्योंकि उन्हें 'फोर व्हाइट ओनली' होटल में घुसने से रोक दिया गया था. लेकिन इतिहासकार शारदा द्विवेदी अपनी किताब में बताती हैं-1896 के वक्त बंबई में प्लेग फैला था, लोग बंबई आने से झिझकते थे. ऐसे समय बंबई के प्रति अपना प्रेम दर्शाने के लिए जमशेदजी ने होटल ताज बनवाया था.