शेयर बाजार में निवेशकों को सबसे ज्यादा इंतजार आईपीओ (IPO) का रहता है. हाल ही में इंडियन रेलवे की सब्सिडियरी आईआरसीटीसी (IRCTC) के IPO ने धमाकेदार लिस्टिंग दी. पहले ही दिन निवेशकों को 100 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला. इसी लिस्ट में जल्द ही एक और बड़ा नाम जुड़ सकता है. ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट सेगमेंट की कंपनी पेटीएम भी अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है. हालांकि, आईपीओ आने में अभी वक्त है. लेकिन, लंबे समय से निवेशक पेटीएम के आईपीओ का इंतजार कर रहे हैं.

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2022 तक आएगा आईपीओ

पेटीएम फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा की मानें तो आईपीओ आने में अभी वक्त है. अगले 22 से 24 महीनों में पेटीएम आईपीओ (IPO) लाने पर विचार कर सकता है. सबकुछ ठीक रहा तो 2022 तक पेटीएम का आईपीओ बाजार में आ जाएगा. विजय शेखर शर्मा ने माना है कि Paytm का IPO लाने की तैयारी है. लेकिन, कुछ भी कहना जल्दबाजी है. फिलहाल, कंपनी का पूरा फोकस घाटा कम करने पर है. उनका मानना है कि पब्लिक के बीच जाने से पहले कंपनी पास ज्यादा कैश (फ्री कैश) होना चाहिए.

इन्वेस्टर्स से फंड जुटाने की तैयारी

लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, पेटीएम इस वक्त मौजूदा इन्वेस्टर्स से 2 बिलियन डॉलर फंड जुटाने की योजना पर काम कर रही है. जल्द ही डील फाइनल हो सकती है. हालांकि, अभी तक कंपनी की तरफ से ऑफिशियली डील पर कुछ नहीं कहा गया है. नाम न छापने की शर्त पर डील से जुड़े एक अधिकारी ने लाइव मिंट को यह जानकारी दी है. बता दें, पेटीएम की दूसरे स्टार्टअप्स में निवेश की भी योजना है. हाल ही में पेटीएम ने Hungerbox में निवेश किया है. पेटीएम बिजनेस मॉडल को देखकर ही स्टार्टअप्स में फंडिंग करती है. 

वारेन बफे की कंपनी कर चुकी है निवेश

देश की बड़े ई-कॉमर्स और डिजीटल पेमेंट प्लेटफॉर्म में साल 2017 में वारेन बफे की बर्कशायर हैथवे ने 300 मिलियन डॉलर का निवेश किया था. पेटीएम की वैल्यूएशन 15 अरब तक पहुंच चुकी है. पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशन की वैल्युशन करीब 1 अरब डॉलर से अधिक है. पेटीएम में सॉफ्टबैंक और अलीबाबा जैसे बड़े निवेशकों का भी पैसा लगा है.

इन कंपनियों से मिल रही है चुनौती

बता दें, पिछले कुछ समय में पेटीएम को गूगल-पे, अमेजन-पे, BHIM और दूसरे पेमेंट ऑपरेशंस से चुनौती मिली है. वहीं, ई-कॉमर्स बिजनेस में फ्लिपकार्ट और अमेजॉन से पहले से ही मुकाबला चल रहा है. 2015 के बाद से डिजिटल पेमेंट मार्केट करीब 5 गुना बढ़ चुका है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डाटा के मुताबिक, मार्च में खत्म हुए साल में प्रति व्यक्ति 22.4 ट्रांजेक्शन की जा रही हैं. वहीं, नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 तक डिजिटल पेमेंट मार्केट 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.