SC on Amazon plea: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि फ्यूचर रिटेल की संपत्ति के संरक्षण की मांग करने वाली ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन की अंतरिम याचिका को जल्द से जल्द सुनवाई के लिए लिस्टेड किया जाएगा. प्रधान न्यायाधीश एन.वी.रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने अमेजन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम से कहा कि न्यायाधीशों में से एक, जस्टिस हिमा कोहली उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए मामले को सुनवाई के लिए निर्धारित तारीख पर नहीं लिया जा सकता है.

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प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "हमारे सामने पीठ के गठन को लेकर कुछ कठिनाइयां हैं. मेरी बहन (जस्टिस हिमा कोहली) को कुछ समस्याएं हैं" सीजेआई ने कहा "यही कारण है.. कम से कम एक साथी (जज) होना चाहिए."

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23 मार्च की निर्धारित थी तारीख 

इससे पहले प्रधान न्यायाधीश जस्टिस ए.एस.बोपन्ना और जस्टिस कोहली की बेंच ने अमेजन के आवेदन पर सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख निर्धारित की थी. ये तीनों न्यायाधीश अमेजन-फ्यूचर विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे हैं.

जैसे ही सुब्रमण्यम ने शीर्ष अदालत से 1 अप्रैल को मामले को उठाने का आग्रह किया, प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि न्यायमूर्ति कोहली उस समय तक बेंच में शामिल हो सकती हैं. उन्होंने कहा "मैं इसे जल्द से जल्द सूचीबद्ध करूंगा, बशर्ते कि पीठ की उपलब्धता हो."

प्रॉपर्टी के ट्रांसफर के मुद्दे को लेकर आवेदन

अमेजन ने रिलायंस रिटेल के साथ एफआरएल के विलय सौदे पर मध्यस्थता को फिर से शुरू करने के अलावा, रिलायंस द्वारा फ्यूचर रिटेल की दुकानों और संपत्तियों के मुद्दे को उठाते हुए एक आवेदन दायर किया था. पीठ ने फ्यूचर रिटेल एंड फ्यूचर कूपन लिमिटेड (एफसीपीएल) से अमेजन की अंतरिम याचिका पर जवाब देने को कहा था और मामले की सुनवाई 23 मार्च को तय की थी.

16 मार्च को अमेजन के 370 पेज के आवेदन पर ध्यान देते हुए, पीठ ने कहा कि उसी दिन अंतरिम राहत पर आदेश पारित करना संभव नहीं है क्योंकि दस्तावेज की जांच के लिए कुछ समय की जरूरत है. फ्यूचर ग्रुप का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मध्यस्थता की कार्यवाही फिर से शुरू करने पर सहमत हुए. हालांकि, अमेजन के वकील ने अंतरिम राहत पर जोर दिया, भले ही ट्रिब्यूनल में सुनवाई फिर से शुरू हो.

अमेजन ने लगाया था आरोप 

इस महीने की शुरुआत में अमेजन ने आरोप लगाया था कि 80 प्रतिशत दुकानों को रिलायंस को सौंप दिया गया था. वही फ्यूचर रिटेल ने कहा कि कोई संपत्ति ट्रांसफर नहीं की गई है.

शीर्ष अदालत सिंगापुर आर्ब्रिटेशन ट्रिब्यूनल के सामने फ्यूचर ग्रुप के साथ आगे की मध्यस्थता कार्यवाही पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अमेजन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.