Fine imposed on many restaurants: सागर रत्ना, मिठास,नजीर फूड सहित कई रेस्टोरेंट पर नोएडा अथॉरिटी ने 27 लाख का जुर्माना लगाया है. दरअसल, अथॉरिटी की टीम ने इन संस्थानों का निरीक्षण किया था, जिसमें सात संस्थानों में ETP नहीं लगा मिला, जबकि दो संस्थान बंद मिले. इन सभी संस्थानों को जुर्माना जमा करने के लिए महज 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है.

क्या होता है ETP?

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ETP का फुल फॉर्म Effluent Treatment Plants होता है. इसका उपयोग उपयोग ज्यादातर कंपनियों में किया जाता है. Effluent Treatment Plants की मदद से कई बिजनेस में पानी को साफ करने और उसमें किसी भी तरह के Toxic और non-toxic या केमिकल को हटाने के लिए किया जाता है ताकि पानी का उपयोग किया जा सके. जिससे जब पानी को पर्यावरण में छोड़ा जा सके जिससे  पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान न हो.

9 संस्थानों पर 27 लाख रुपये का जुर्माना

नोएडा अथॉरिटी की तरफ से कहा गया कि अगर रेस्टोरेंट और संस्थान 24 घंटे के अंदर जुर्माना नहीं भरते हैं तो संस्थान सीज कर दिया जाएगा. अथॉरिटी ने शिकायत के आधार पर सेक्टर-18 और 53 में स्थित नौ होटल, रेस्तरां और वाणिज्यिक संस्थानों पर छापेमारी की थी. टीम ने संस्थानों में जांच-पड़ताल की. टीम को सात संस्थानों में शोधित पानी को लेकर व्यवस्था नहीं मिली, जबकि दो संस्थान बंद मिले. टीम ने संस्थानों को 24 घंटे में जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है. यदि संस्थान बुधवार तक जुर्माना जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें सील कर दिया जाएगा.

इन संस्थानों पर लगा जुर्माना

इसके साथ ही जो भी संस्थान बंद मिले उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. अथॉरिटी ने जिन संस्थानों पर जुर्माना लगाया है उनमें सेक्टर-18 स्थित सागर रत्ना पर 5 लाख, सेक्टर-18 स्थित द पटियाला किचन पर दो लाख, चाऊमेन पर दो लाख, सेक्टर-53 स्थित मिठास स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट पर दो लाख, सेक्टर-18 स्थित देसी वाइब्स पर 2 लाख, ढाबा ऐट अट्टा पर दो लाख, सेक्टर-18 स्थित नजीर फूड पर दो लाख, द तंदूरी विलेज पर 5 लाख और सेक्टर-18 स्थित राधे श्याम पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया है. इन सभी को जुर्माना भरने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेट दिया गया है. यदि यह ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो सभी संस्थानों को सीज कर दिया जाएगा.