सार्वजनिक क्षेत्र की पनबिजली कंपनी एनएचपीसी ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने सौर बिजली कारोबार में कदम रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एनएचपीसी मुख्य रूप से पनबिजली उत्पादक कंपनी है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘एनएचपीसी लि. के निदेशक मंडल ने बैठक में कंपनी कारोबार को विविध रूप देने के प्रस्ताव पर विचार किया और से मंजूरी दे दी. इसके तहत सौर बिजली परियोजनाओं के विकास के क्षेत्र में कदम रखने को मंजूरी दी गयी है.’

एनएचपीसी की फिलहाल क्षमता 7,071.2 मेगावाट है. कंपनी के 24 बिजलीघर हैं जिसमें वे परियोजनएं भी शामिल हैं जिन्हें ज्वाइंट वेंचर के तहत लिया गया है.

BHEL भी उतरा कारोबार में 

देश में सौर बिजली परियोजनाओं के विकास के लिए बिजली कंपनी एसजेवीएन लिमिटेड (SJVN) ने भारत हेवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड (BHEL) के साथ समझौता किया. एमओयू (MoU) के तहत एसजेवीएन परियोजनाओं का विकास करेगी और भेल इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण और परियोजना प्रबंधन अनुबंधकर्ता होगी.इसके अलावा भेल परियोजना के चालू होने के बाद परिचालन और रखरखाव का भी जिम्मा संभालेगी. 

ज़ी बिज़नेस LIVE TV देखें:

रीवा का प्लांट

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में देश की पहली और एक मात्र सोलर पार्क परियोजना है, जिसे विश्व बैंक से आर्थिक सहायता मिली है और उत्पादित बिजली का विक्रय ओपेन एक्सेस उपभोक्ता दिल्ली मेट्रो को किया जाएगा. इस संयंत्र की क्षमता 750 मेगावॉट होगी, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित 550 मेगावॉट क्षमता की रेगिस्तानी प्रकाश सौर ऊर्जा प्लांट से अधिक होगी.