टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Trai) ने नंबर पोर्ट करने के लिए नए नियम 16 दिसम्बर से लागू कर दिए हैं. नए नियम के मुताबिक अब नंबर पोर्ट करने के लिए यूनीक पोर्टिंग कोड जेनरेट करने की जरूरत पड़ेगी. नए नियम लागू होने के बाद एक सर्विस एरिया के यूजर तीन कामकाजी दिन में अपने नंबर को पोर्ट कर सकेंगे. वहीं, एक सर्कल से किसी और सर्कल में नंबर पोर्ट कराने के लिए 5 वर्किंग डेज लगेंगे.

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UPC कोड के जरिए पोर्ट हो सकेगा नेटवर्क

ट्राई की ओर से जारी किए गए पब्लिक नोटस के मुताबिक अब यूनीक पोर्टिंग कोड तभी जेनरेट होगा जब यूजर नंबर को पोर्ट करने के नियमों को पूरा करेगा. ट्राई के नए नियम के आने के बाद यूनीक पोर्टिंग कोड का जेनरेट करने के लिए कई नियमों को पूरा करना होगा.

चुकाना पड़ेगा पूरा बकाया

ट्राई की ओर से जारी किए गए नए नियम के मुताबिक पोस्ट-पेड मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट करने से पहले नेटवर्क सब्सक्राइबर को अपने मौजूदा ऑपरेटर के सभी बकायों बिल चुकाने होंगे. साथ ही पोस्ट-पेड नंबर को वही यूजर पोर्ट कर सकेंगे जो मौजूदा ऑपरेटर की सर्विस के साथ कम से कम 90 दिनों से जुड़े हों. ट्राई की ओर से जारी किए गए तीसरे नियम के मुताबिक यूजर को सर्विस छोड़ने से पहले ऑपरेटर की ओर से तय किए गए सभी नियम और शर्तों को पूरा करना होगा. मोबाइल नेटवर्क आप्रेटर कनेक्शन देते समय सभी नियम और शर्तें ग्राहक को बताएगा.

 

 

04 दिनों तक वैलिड रहेगा कोड

नए नियमों के मुताबिक यूनीक पोर्टिंग कोड (UPC) सभी लाइसेंसी सर्विस एरिया में 4 दिन तक वैलिड रहेगा. जम्मू-कश्मीर, असम, नॉर्थ-ईस्ट में यूपीसी की वैलिडिटी 30 दिन तय रखी गई है. मौजूदा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सिस्टम से नए सिस्टम पर स्विच होने के चलते ये सर्विस 15 दिसम्बर तक बंद थी.