भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी (LIC) में आखिरकार सरकार ने शनिवार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को हरी झंडी दे दी. कैबिनेट ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के बाद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. खबर के मुताबिक, एलआईसी में 20 प्रतिशत तक विदेशी निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इसमें यह भी तय हुआ है कि एलआईसी सहित जितने भी Corporation होंगे भविष्य में उनके लिए भी FDI का प्रावधान यही रहेगा. 

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खबर के मुताबिक, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) से विचार लेने के बाद प्रस्ताव रखा जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी. भारत सरकार ने इंश्योरेंस सेक्टर में 74% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की परमिशन दी है, लेकिन यह LIC पर लागू नहीं होता है, जो LIC अधिनियम द्वारा शासित है. 

कितना बड़ा होगा आईपीओ

सरकार एलआईसी आईपीओ भी ला रही है. सरकार को उम्मीद है कि कंपनी मार्च आखिर तक लिस्ट हो जाएगी. एलआईसी अधिनियम में विदेशी निवेश की चर्चा नहीं है. साथ ही, सिर्फ केंद्र सरकार को कंपनी में 5% से ज्यादा हिस्सेदारी रखने की परमिशन है. देश की अब तक की सबसे बड़ी आईपीओ को पेश करने के लिए LIC ने 13 फरवरी को 63,000 करोड़ रुपये में 5 फीसदी की हिस्सेदारी बेचने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा किया है.

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31.6 करोड़ से अधिक शेयरों की हिस्सेदारी

जानकारी के मुताबिक, 31.6 करोड़ से अधिक शेयरों या 5 फीसदी की हिस्सेदारी के IPO के मार्च तक आने की संभावना है. इस आईपीओ में एलआईसी के कर्मचारियों और पॉलिसी होल्डर्स को फ्लोर प्राइस पर छूट मिलेगी. एलआईसी का यह पब्लिक इश्यू के भारतीय शेयर मार्केट के इतिहास में सबसे बड़े आईपीओ होगा. जिसके बाद एलआईसी की मार्केट वैल्यू रिलायंस और टीसीएस जैसी टॉप कंपनियों के बराबर होगी.