IOCL Investment: सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) ने अगले कुछ साल में पूर्वोत्तर में नई परियोजनाएं स्थापित करने और क्षमता विस्तार पर 2,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना बनायी है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है. आईओसी के निदेशक मंडल ने पहले ही विभिन्न नई परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. वहीं कुछ मंजूरी मिलने की प्रक्रिया में है. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नई परियोजनाओं के लिए जमीन को लेकर मेघालय, मिजोरम और मणिपुर की सरकारों के साथ बातचीत कर रही है. 

पूर्वोत्तर क्षेत्र में बढ़ रहा कंपनी का फोकस

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आईओसी के कार्यकारी निदेशक (इंडियन ऑयल-असम तेल विभाग) गणेशन रमेश ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि इंडियन ऑयल के लिये पूर्वोत्तर क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है. शीर्ष प्रबंधन इस क्षेत्र पर काफी ध्यान दे रहा है. हमने रिफाइनिंग के साथ-साथ पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट (पीओएल) भंडारण क्षमता को बढ़ाकर अपने परिचालन को बढ़ाने की योजना बनाई है. 

उन्होंने कहा कि कंपनी वर्तमान में पूरे क्षेत्र में नई और पुरानी दोनों को मिलाकर लगभग एक दर्जन परियोजनाओं पर काम कर रही है. इसमें कुल 2,612 करोड़ रुपये का निवेश होगा. रमेश ने कहा कि हमारे पास पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट खंड में एक बड़ी परियोजना है. त्रिपुरा के सेकरकोटे में 656 करोड़ रुपये के निवेश पर एक नया डिपो तैयार किया जा रहा है. 

दूसरी परियोजनाओं के लिए भी मंजूरी

निदेशक मंडल ने एक अन्य परियोजना के लिये भी अपनी मंजूरी दे दी है. इसके तहत 277 करोड़ रुपये की लागत से गुवाहाटी में बेटकुची पीओएल डिपो का विस्तार किया जाएगा. आईओसी ने भंडारण क्षमता को मौजूदा 25,000 किलोलीटर से बढ़ाकर 54,000 किलोलीटर करने, नए फायर वॉटर टैंक और अन्य सुविधाएं स्थापित करने की योजना बनाई है. 

इसने बेटकुची संयंत्र के विस्तार के लिए पहले ही 10.67 एकड़ अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है. अधिकारी ने कहा कि इंडियन ऑयल ने गुवाहाटी और डिगबोई में अपनी रिफाइनरियों की क्षमता विस्तार के लिए क्रमशः 412 करोड़ रुपये और 768 करोड़ रुपये निवेश की योजना बनायी है. 

रिफाइनरी विस्तार पर भी फोकस

पूर्वोत्तर ‘हाइड्रोकार्बन विजन’ 2030 के तहत बोंगईगांव रिफाइनरी के विस्तार की भी परिकल्पना की गई है. वर्तमान में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने नगालैंड में दीमापुर डिपो को नया स्वरूप देने का फैसला किया है. इस पर 231 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है. फिलहाल इसपर निदेशक मंडल की मंजूरी ली जानी है. 

रमेश ने कहा कि इन राज्यों को ईंधन सुरक्षा प्रदान करने के लिए मेघालय के उमरान और मिजोरम के सिहमुई में नया पीओएल डिपो स्थापित करने को भूमि को अंतिम रूप दिया जा रहा है. हम अपने इंफाल डिपो में वैगन प्राप्ति सुविधा के लिए मणिपुर सरकार के साथ भी बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा कंपनी सभी पूर्वोत्तर राज्यों में एलपीजी बॉटलिंग से संबद्ध बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिये भी काम कर रही है.

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