गुजरात का हीरा कारोबार अपनी चमक खोता जा रहा है. पिछले दो महीने में ही 30000 से अधिक कारखाने बंद हो गए हैं, जिससे लाखों कारीगर बेरोजगार हुए हैं. त्योहारों के मौसम में आए इस संकट से लाखों लोगों की दीवाली फीकी रहने वाली है.

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बुरा वक्त

जीबिजनेस के संवाददाता केतन जोशी की एक खास रिपोर्ट में हीरा कारीगर धर्मेश गोहिल ने बताया, 'अभी तो बहुत बुरा वक्त चल रहा है, क्योंकि अभी हीरे में मंदी चल रही है. कितने कारीगरों को निकाल दिया और जो बोनस मिलता था, वो सब बंद हो गया है. अब दिवाली की छुट्टियां आ रही हैं. उसकी ही चिंता सबको सता रही है.'

रुपये ने तोड़ी कमर

अहमदाबाद के विवेकानंद डायमंड एसोसिएशन के मुताबिक पिछले दो महीने में सूरत और अहमदाबाद सहित पूरे गुजरात में 30000 से ज्यादा कारखानों पर ताले पड़ गए हैं. दो महीने पहले जब व्यापारियों ने रफ डायमंड खरीदे थे तो डॉलर का भाव 65 रुपये था. व्यापारियों को पेमेंट करने के लिए 120 दिन का समय मिलता है और तय तारीख में डॉलर का जो भाव होता है, उसी में पेमेंट करना होता है. मौजूदा वक्त में एक डॉलर 74 रुपये के करीब पहुंच गया है. ऐसे में हीरा कारोबारियों को हर डॉलर पर 10 रुपये ज्यादा देने पड़ रहे हैं. 

चार लाख बेरोजगार

इसके अलावा अमेरिका और यूरोपीय देशों में हीरे की मांग भी घटी है. ये कारखानों के बंद होने का एक बड़ा कारण है. विवेकानंद डायमंड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जितुभाई मोरडिया ने कहा, 'पिछले दो महीने से ग्लोबल मार्केट में पॉलिस डायमंड की मांग में काफी कमी आई है. इसके चलते चार लाख से अधिक कारीगरों को हमने छंटनी किया है.' उन्होंने बताया, 'हर साल दिवाली में हम वर्कर को पांच से 15 प्रतिशत तक बोनस दे रहे थे, इस बार वो भी नहीं दे रहे पा रहे हैं.'

हीरा कारोबार भारत के विदेश व्यापार का अहम हिस्सा है. भारत के कुल मर्चेंट एक्सपोर्ट में हीरे की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत के करीब है. साल में दो लाख करोड़ का आयात और निर्यात होता है. ऐसे में हीरा कारोबार में मंदी पूरी अर्थव्यवस्था पर असर डाल सकती है.