बीमा खासकर साधारण बीमा (General Insurance) के प्रति भारत में जागरुकता लगातार बढ़ रही है. नतीजतन, गैर जीवन बीमा कंपनियों की कमाई भी तेजी से बढ़ रही है. कुल 34 साधारण बीमा कंपनियों का प्रीमियम कलेक्शन (premium collection) दिसंबर महीने में 11.5 प्रतिशत बढ़कर 15,980.81 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. जबकि पिछले साल 2018 में इस महीने का यह कलेक्शन 14,334.98 करोड़ रुपये का था. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने ये आंकड़े जारी किए हैं. 

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आंकड़ों के अनुसार, कुल साधारण बीमा कंपनियों में से 25 का प्रीमियम कलेक्शन चार प्रतिशत बढ़कर 14,037.51 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले साल के समान महीने में 13,502.48 करोड़ रुपये था. प्राइवेट सेक्टर की 7 स्वास्थ्य एवं चिकित्सा बीमा कंपनियों का प्रीमियम संग्रह भी इस दौरान 16.3 प्रतिशत बढ़कर 1,258.14 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

इस दौरान दो सरकारी बीमा कंपनियों एग्रीकल्चरल इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड तथा ईसीजीसी लिमिटेड का प्रीमियम बढ़कर 685.16 करोड़ रुपये हो गया.

इन सभी 34 कंपनियों का कुल प्रीमियम संग्रह चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि के दौरान 15.41 प्रतिशत बढ़कर 1,42,023.78 करोड़ रुपये रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 1,23,061.94 करोड़ रुपये रहा था.

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बता दें कि बीमा कंपनियां दो तरह की होती हैं, जीवन बीमा और साधारण बीमा कंपनियां. साधारण बीमा में वाहन, घर, पशु, फसल, स्वास्थ्य बीमा आदि सभी शामिल होते हैं. इंश्योरेंस का मतलब जोखिम से सुरक्षा है. अगर कोई बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करेगी. बीमा वास्तव में बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच एक अनुबंध है. इस कॉन्ट्रेक्ट के तहत बीमा कंपनी बीमित व्यक्ति से एक निश्चित धनराशि (प्रीमियम) लेती है और बीमित व्यक्ति या कंपनी को पॉलिसी की शर्त के हिसाब से किसी नुकसान की स्थिति में हर्जाना देती है.