जीएसटी की दरों में कटौती के बाद भी ग्राहकों को फायदा न देने वालों पर सख्ती जारी है. नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने (NAA) गार्नियर के एक डिस्ट्रीब्यूटर पर साढ़े तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल बीते साल 15 नवंबर से हेयर कलर पर जीएसटी की दर 28% से घटाकर 18% की गई थी. जीएसटी की दरों में कमी के बावजूद डिस्ट्रीब्यूटर ने ग्राहकों को फायदा न पहुंचाने के लिए प्रोडक्ट की बेस कीमत को ही बढ़ा दिया. जब हेयर कलर पर 28% जीएसटी था, तब प्रोडक्ट का बेस प्राइस 24 रुपए 41 पैसे था. लेकिन, जीएसटी की दर घटकर 18% होने के बाद कंपनी ने बेस प्राइस को 26.48 रुपये कर दिया. 

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इसके साथ ही गार्नियर ने प्रोडक्ट की MRP को भी 35 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया. डिस्ट्रीब्यूटर ने इस मामले में गार्नियर कंपनी के सॉफ्टवेयर पर दोष मढ़ने की कोशिश की, लेकिन एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने दलील को खारिज कर दिया. हाल ही में दिग्गज FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर के खिलाफ भी मुनाफाखोरी का मामला पाते हुए नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने आदेश जारी किया था.

मुनाफाखोरों पर NAA की सख्ती

1. गार्नियर के डिस्ट्रीब्यूटर पर 3.43 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई.

2. 18% ब्याज के साथ डिस्ट्रीब्यूटर को भरना होगा जुर्माना.

3. बीते साल हेयर कलर पर GST 28 से घटकर 18% हुई थी.

4. डिस्ट्रीब्यूटर ने ग्राहकों फायदा देने के बदले बेस प्राइस ही बढ़ा दिया.

कैसे हुई थी मुनाफाखोरी

1. गार्नियर नेचुरल शेड 3 की कीमत 11 अक्टूबर 2017 को 35 रुपये थी. तब जीएसटी रेट 28% था. बेस प्राइज 24.41 रुपये था.

2. गार्नियर नेचुरल शेड 3 की कीमत 30 नवंबर 2017 को 40 रुपये थी. जीएसटी रेट घटकर 18% हो गया. तब बेस प्राइज को बढ़ाकर 26.48 रुपये कर दिया गया. 

3. टैक्स में कमी के साथ बेस प्राइज में बढ़ोतरी से प्रोडक्ट के दाम नहीं बढ़े, लेकिन ग्राहकों को जीएसटी का फायदा नहीं मिला. ये फायदा डिस्ट्रीब्यूटर ने ले लिया.