दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वालमार्ट सहायक कंपनी फ्लिपकार्ट ने सरकार से कहा है कि अगर ई-कॉमर्स को काबू में करने वाले नए नियमों को छह महीने टाला नहीं गया तो उसे ग्राहकों की संख्या में उल्लेखनीय नुकसान का सामना करना पड़ेगा. समाचार एजेंसी रायटर्स ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है. सरकार ने 1 फरवरी से ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों को सख्त बनाने का ऐलान किया है. नए नियमों के चलते फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां उन फर्म के उत्पाद नहीं बेच सकेंगी, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है. इसके अलावा ये कंपनियां अब एक्सक्लूसिव डील भी दे पाएंगी. यानी किसी विक्रेता को सिर्फ उन्हीं के प्लेटफार्म पर बिक्री करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा.

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उद्योग विभाग को भेजे पत्र में फ्लिपकार्ट के मुख्य कार्यपालक कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि इतने कम समय में इन नियमों को लागू करना बहुत कठिन है. उन्होंने कहा, 'इतने कम समय में अपने टेक्नालॉजी सिस्टम को रिडिजाइन करने के चलते हमें उल्लेखनीय संसाधनों को डायवर्ट करना पड़ा है.' उन्होंने ये भी कहा कि आदेश को लागू करने की डेडलाइन को अगर आगे नहीं बढ़ाया गया तो उन्हें 'उल्लेखनीय संख्या में ग्राहकों को खोना पड़ेगा.' उन्होंने कम से कम छह महीने डेडलाइन आगे बढ़ाने की मांग की. यह जानकारी रायटर्स को सूत्रों के हवाले से मिली है और फ्लिपकार्ट से इस पर कोई टिप्पणी से इनकार किया है.

सूत्रों के मुताबिक सरकार फिलहाल इन नियमों को लागू करने की तारीफ को आगे बढ़ाना नहीं चाहती है. हालांकि इस बारे में उद्योग विभाग ने भी किसी टिप्पणी से इनकार किया. वालमार्ट ने बीते साल फ्लिपकार्ट में 16 अरब डॉलर का निवेश किया है और अमेजन भी भारत में 5.5 अरब डॉलर निवेश करने जा रही है. उद्योगजगत के सूत्रों के मुताबिक नए नियमों से परिचालन लगात में बढ़ोतरी होगी और अमेजन तथा फ्लिपकार्ट को अपने कारोबार के तरीकों में आमूलचूल बदलाव करना होगा. अमेजन ने भी नियमों को लागू किए जाने की तारीफ आगे बढ़ाने की मांग की है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)