वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा है कि वित्तीय संकट से जूझ रही गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) के लिए स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम के तहत 6,399 करोड़ रुपए के 15 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इकोनॉमी को कोरोना वायरस महामारी के असर से उबारने के लिये हाल ही में अनाउंस किए 20.97 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज में ही वित्तीय संकटों में घिरे एनबीएफसी और एचएफसी के लिए स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम को भी पेश किया गया था.

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यह योजना 1 जुलाई से शुरू हुई है. इसके तहत एनबीएफसी और एचएफसी के लिक्विडिटी (तरलता) के सामने कम समय के लिए आए संकट को दूर करने के लिए डिबेंचर्स (ऋणपत्रों) की प्राथमिक और माध्यमिक बाजार दोनों से खरीद करने की मंजूरी है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने एक ट्वीट में कहा, एनबीएफसी और एचएफसी के लिए लिक्विडिटी की स्थिति में सुधार करने के मकसद से आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज के एक हिस्से के रूप में 30 हजार करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम की अनाउंसमेंट की गई थी.

उन्होंने स्कीम की जमीनी स्तर पर अमल होने की स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि 7 अगस्त तक 6,399 करोड़ रुपए की कुल स्वीकृत राशि के साथ 15 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है. इनके अलावा 11,037 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के लिए 37 दूसरे एप्लीकेश पर विचार होना अभी बाकी है.

आईएलएंडएफएस ग्रुप की कंपनियों द्वारा सितंबर 2018 में पेमेंट में चूक (डिफॉल्ट) करने के बाद एनबीएफसी और एचएफसी के सामने फाइनेंशियल संकट खड़ा हो गया था. इसके बाद कोरोना वासरस महामारी ने इनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया.

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स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड द्वारा गठित एक न्यास ‘एसएलएस ट्रस्ट’ द्वारा जारी सरकारी गारंटी वाली विशेष प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) को खरीद कर धन उपलब्ध करा रहा है. स्कीम पर अमल भी एसएलएस ट्रस्ट के द्वारा किया जा रहा है. यह योजना तीन महीने के लिए खुली है.