'आज नकद कल उधार' कई दुकानों पर यह बोर्ड लटका मिलता है. लेकिन, ऑनलाइन शॉपिंग के दौर में इस बोर्ड की जरूरत नहीं. ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान या पैसों का भुगतान पहले करना पड़ता है या फिर घर सामान पहुंचते ही पैसे देने होते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के लिए अब नया प्लेटफॉर्म आया है. यहां आज उधार खरीदो सामान और बाद में करो भुगतान. सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगता है. लेकिन, हकीकत यही है. फिनेटक कंपनी मुद्रा क्विक फिनटेक क्रेडिटकार्ट फिनकॉम नाम से देश की पहली 'उधार की दुकान' ला रही है.

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पहली उधार की दुकान

देश में एक ऐसा प्लेटफॉर्म, जो पहली ऑनलाइन उधार की दुकान होगी. इसकी शुरूआत 28 अगस्त से होगी. देश के टियर 2,3,4 और 5 शहरों में ग्राहकों को अब ‘अभी खरीदो, भुगतान बाद में' की सुविधा दी जाएगी. बिना ब्याज और प्रोसेसिंग फीस के ग्राहक खरीदारी कर सकेंगे. कंपनी के मुताबिक, आर्थिक दृष्टि से फिनकॉम- कॉमर्स और फाइनेंस का मिश्रण बहुत जरूरी हो गया है. इससे गति और आरामदायक अनुभव दोनों ही मिलते हैं. 

आत्मनिर्भर भारत की तरफ पहला कदम

फिनकॉम की मदद से ग्राहकों को सीधे उधारी की सुविधा मिलेगी. तुरन्त भुगतान की प्रक्रिया से वे बच सकेंगे. सामान खरीदने के लिए उन्हें बैंक बैंलेंस और दूसरे वित्तीय संस्थाओं पर निर्भर नहीं रहना होगा. कंपनी के मुताबिक, प्लॅटफॉर्म पर मेक इन इंडिया प्रोडक्ट और ग्राहक एक ही कड़ी से जुड़ सकेंगे. इससे घरेलू व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा. आत्मनिर्भर भारत की तरफ यह पहला कदम होगा. ग्राहक जब वेबसाइट पर साइनअप करेंगे तब उन्हें 'अभी खरीदो, भुगतान बाद में' का विकल्प दिखाई देगा. इसके लिए अलग से कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा. 

कोई प्रोसेसिंग फीस या चार्ज नहीं

किसी भी तरह का डाउनपेमेंट या प्रोसेसिंग फीस नहीं लगेगी. जिनके पास स्मार्टफोन हैं, वे अब आसानी से इस प्लॅटफॉर्म से शॉपिंग कर सकेंगे. इस प्लेटफॉर्म पर कपड़े, फुटवेयर, बैग, एक्सेसरीज, घरेलू प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक सामान उपलब्ध होंगे. देश के 26 हजार से ज्यादा पिनकोड पर प्रोडक्ट्स की डिलिवरी की जाएगी.

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मुद्रा क्विक फिनटेक के फाउंडर और डायरेक्टर स्वप्निल मदियार के मुताबिक, नया प्लेटफॉर्म को किफायती बनाने के लिए सीधे मैन्युफैक्चरर से जुड़ने का इरादा हैं. इससे बिचौलियों पर निर्भरता कम रहेगी. साथ ही सप्लाई चेन भी मजबूत बनेगी. इससे न केवल किफायती प्रोडक्ट्स की सीधी सप्लाई होगी, बल्कि ग्राहकों को पहली ऑनलाइन 'आधार की दुकान' भी मिलेगी.