Corona drug: कोरोना के कम गंभीर मरीजों के इलाज में अब एक और दवा का इस्‍तेमाल हो सकेगा. यह दवा जायडस केडिला (Zydus Cadila) की विराफिन (Virafin) है.  दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने  शुक्रवार 23 अप्रैल को जायडस केडिला की विराफिन को कोरोना संक्रमण के मॉडेरेट केसेज में इमरजेंसी इस्‍तेमाल को मंजूरी (ईयूए) दी है. कंपनी का कहना है कि शुरुआत में इस दवा का इस्‍तेमाल करने से कोविड19 मरीजों की तेज रिकवरी होगी और स्थिति गंभीर होने से रोका जा सकेगा. 

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एएनआई के मुताबिक, केडिला ने एक बयान में कहा है कि यह दवा अन्‍य दूसरे वायरल इंफेक्‍शन पर भी असरदार है. केडिला हेल्‍थकेयर लिमिटेड के एमडी डॉ. शर्विल पटेल का कहना है कि इस दवा को शुरुआत में दी जाए तो इससे वायरल लोड कम होगा और हालात को गंभीर होने से रोका जा सकेगा. यह मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब इसकी बहुत जरूरत है. बता दें कि इस समय देश भर में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए रेमेडेसिविर की बहुत किल्लत बनी हुई है और दिन पर दिन कोरोना केसेज बढ़ने के चलते स्वास्थ्य सिस्टम पर लोड बढ़ा हुआ है.

 

7 दिनों में RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव

जायडस केडिला  का दावा है कि इसके इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित मरीजों की RT-PCR रिपोर्ट 7 दिन में निगेटिव आई है. इसके अलावा मरीजों को सप्लीमेंटल ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हुई है. विराफिन एक एंटीवायरल ड्रग है जिसे सावधानीपूर्वक एडमिनिस्टर किया गया है. कोरोना संक्रमित मरीजों पर इसके तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में अच्‍छे नतीजे आए हैं.  इस दवा को कोरोना मरीजों को शुरुआती स्टेज में दिया गया और मॉडेरेट केसेज में महत्वपूर्ण क्लीनिकल और वॉयरोलॉजिकल सुधार दिखा.

दवा कंपनी के मुताबिक जिन कोविड19 संक्रमितों का इलाज विराफिन के जरिए किया गया, उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर निगेटिव आ गई. ऐसा करीब 91 फीसदी मामलों में देखने को मिला. यह दवा  सिर्फ डॉक्‍टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही उपलब्ध होगी. इसे इंस्टीट्यूशनल सेटअप्स या हॉस्पिटल के यूज के लिए बनाया गया है. इसका मतलब कि यह दवा सिर्फ अस्पतालों में उपलब्ध होगी.

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