अंतरराष्ट्रीय कंपनी ब्रिटिश पेट्रोलियम (British Petroleum) की 51 फीसदी होल्डिंग वाली कैस्ट्रॉल इंडिया (Castrol India) कंपनी हिन्दुस्तान में ऑटोमोटिव लुब्रिकेंट का कारोबार करती है. भारत में ऑटोमोटिव लुब्रिकेंट और इंडस्ट्रियल लुब्रिकेंट के कारोबार में कैस्ट्रॉल इंडिया का 20 फीसदी कब्जा है. 

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कंपनी ने कल सितंबर तिमाही के नतीजे जारी किए थे. रिजल्ट में कंपनी का शानदार प्रदर्शन सामने आया है. कैस्ट्रॉल इंडिया की इनकम में 4 फीसदी का इजाफा हुआ है. कामकाजी मुनाफा 28 फीसदी बढ़ा है. साथ ही मुनाफे में 8.5 फीसदी का इजाफा हुआ है. अच्छे रिजल्ट के बाद कैस्ट्रॉल इंडिया का स्टॉक 8 परसेंट की मजबूती के साथ कारोबार करता दिखाई दे रहा है. कंपनी का स्टॉक इस समय 883 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा है. 

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कैस्ट्रॉल इंडिया के नतीजों पर ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने कंपनी के प्रबंध निदेशक संदीप सांगवान ने के साथ खास बातचीत की. 

मुनाफे में इजाफा

दमदार मार्जन के सवाल पर संदीप सांगवान ने बताया कि वे कंपनी के नतीजों के काफी खुश हैं. कंपनी ने हर क्षेत्र में तरक्की की है. टर्न ओवर में ग्रोथ हुई है और मार्जन अच्छे रहे हैं. 

उन्होंने बताया कि कंपनी को कच्चे माल के इनपुट में मदद मिली है. इस तिमाही में बेस ऑयल के दाम कम होने से मुनाफे में सुधार आया है. 

नए प्रोडक्ट्स पर फोकस

संदीप सांगवान ने बताया कि उन्होंने कंपनी की ब्रांड के लिए निवेश जारी रखा है. कई नए प्रोजेक्ट लॉक्च किए गए हैं. कार के लिए नया इंजन ऑयल (car engine oil)  castrol gtx suv लॉन्च किया. बाइक के लिए इंजन ऑयल castrol activ cruise लॉन्च किया. इन नए उत्पादों की वजह से भी कंपनी को अच्छा रिजल्ट मिला है. हालांकि इंडस्ट्रियल लुब्रिकेंट बाजार में थोड़ी नरमी देखने को मिली है. वॉल्यूम ग्रोथ के बारे में संदीप सांगवान बताते हैं कि ऑटोमोटिव सेक्टर में वॉल्यूम ग्रोथ काफी अच्छी रही है. 

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नकली उत्पादों पर रोक

बाजार में कैस्टॉल के नाम पर आ रहे नकली उत्पादों पर रोक के सवाल पर कंपनी के एमडी ने बताया कि वे समय-समय पर सरकारी एजेंसियों के माध्यम से जांच करते रहते हैं. बाजार में बिकने वाले उनके प्रोडक्ट्स की क्वालिटी की जांच की जाती है. इसके अलावा कंपनी अपने उत्पादों पर कई तरह के सेफ्टी फीचर जैसे- होलोग्राम, कोडिंग अपनाते हैं, जिन्हें देखकर ही पता लगाया जा सकता है कि यह उत्पाद असली है या नकली. 

जारी रहेगा निवेश

अगली तिमाही के आउटलुक के सवाल पर संदीप सांगवान बताते हैं कि लंबे लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर आने लगी है, लेकिन अभी हमें देखना होगा कि अगले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था की चाल कैसी रहती है. अर्थव्यवस्था में सुधार से बेस ऑयल में तेजी आने लगी है. इससे इनपुट लागत पर असर पड़ेगा. और इसका असर कंपनी के मुनाफे पर जरूर पड़ेगा. लेकिन वे अपने ब्रांड और बिजनेस पर निवेश लगातार जारी रखेंगे. 

बदल रही है व्हीकल्स की दुनिया

अब ऑटोमोटिव इंडस्ट्री तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में बदल रही है. कैस्ट्रॉल इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांग को कैसा पूरा करेगी, इस पर वह कहते हैं कि वे फ्यूचर के लिए पूरी तरह से तैयार हैं क्योंकि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का है. लेकिन भारत में अभी इसमें थोड़ा इंतजार करना होगा. 

फ्यूचर के लिए पूरी तरह तैयार

कैस्टॉल इंडिया का ग्लोबल रिसर्च एंड डवलपमेंट सेंटर इंग्लैंड में है और यहां फ्यूचर के व्हीकल्स को लेकर लगातार प्रयोग होते रहते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास पहले से ही इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए पूरा एक पोर्टफोलियो तैयार है.

इस पोर्टफोलियो में इलेक्ट्रिक व्हीकल में इस्तेमाल होने वाले तमाम तरह के फ्यूल, ग्रीस और ऑयल हैं. इसके अलावा कंपनी के पास 30 से ज्यादा ऐसे उत्पाद हैं जो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में इस्तेमाल होते हैं. और इन उत्पादों का इंटरनेशल मार्केट में सप्लाई भी हो रही है.

भारत में भी टाटा मोटर्स और एमजी मोटर्स को कैस्ट्रॉल के उत्पाद जैसे- ट्रांसमिशन फ्यूल की सप्लाई हो रहे हैं.