Cairn Retro Tax case: ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी (Cairn PLC) ने कहा है कि भारत से एक अरब डॉलर का रिफंड मिलने के कुछ ही दिन बाद वह फ्रांस से लेकर अमेरिका तक में भारतीय एसेट्स (Indian Assets) को जब्‍त करने को लेकर जो मुकदमे दर्ज कराए हैं, उन्‍हें वापस ले लगी. भारत सरकार ने रेट्रो टैक्‍स कानून (Retro tax law) को समाप्‍त कर दिया है, जिसके तहत सरकार को यह रकम कंपनी को रिफंड करनी होगी. वहीं, केयर्न ने अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि वह 1.06 अरब डॉलर (करीब 7,900 करोड़ रुपये) के रिफंड में से 700 मिलियन डॉलर (करीब 5100 करोड़ रुपये)  शेयरधारकों को स्‍पेशल डिविडेंड या बायबैक के जरिये वापस लौटाएगी. 

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केयर्न ने कहा है कि वह एक अरब डॉलर का रिफंड मिलने के एकाध दिन बाद ही मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देगी. कंपनी ने 2012 की पॉलिसी को खत्‍म करने के सरकार के फैसले को साहसी करार दिया है. पिछले महीने एक कानून के जरिये 2012 की रेट्रो टैक्‍स पॉलिसी को कैंसल कर दिया गया. इस कानून के तहत इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट को 50 साल तक पुराने ऐसे मामलों में कैपिटल गेन टैक्‍स लगाने का अधिकार था, जिनमें भारत स्थित कारोबारी एसेट्स को लेकर ओनरशिप का बदलाव विदेश में बैठकर हुआ है. बता दें, केयर्न ने भारत को जमीनी क्षेत्र में सबसे बड़ी तेल खोज का तोहफा दिया.

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स्‍टेकहोल्‍डर भी ऑफर का करेंगे समर्थन

केयर्न के सीईओ साइमन थॉमसन ने लंदन से एक इंटरव्‍यू में कहा, ‘‘पिछली तारीख से टैक्‍स डिमांड इन्‍फोर्समेंट के तहत जब्त रकम लौटाने के बदले सरकार के खिलाफ सभी मुकद्दमे वापस लेने की पेशकश हमें स्वीकार है.’’ केयर्न पेरिस में अपार्टमेंट और अमेरिका में एअर इंडिया के विमानों को जब्त करने को लेकर दायर मुकद्दमों को रिफंड मिलने के कुछ ही दिन बाद वापस ले लेगी. उन्होंने यह भी कहा कि केयर्न के स्‍टेकहोल्‍डर भी इस ऑफर को स्वीकार करने और आगे बढ़ने के पक्ष में हैं. 

थॉमसन ने कहा, ‘‘हमारे प्रमुख शेयरधारक... ब्लैकरॉक और फ्रैंकलिन टेंपलटन इस ऑफर को स्वीकार करने के पक्ष में हैं. हमारे विचार को हमारे प्रमुख शेयरधारकों का समर्थन है. पीछे के बारे में सोचने के बजाय हम आगे बढ़ने के पक्ष में हैं.  हम ऐसी चीज पर टिके नहीं रहना चाहते जो सभी के लिए नकारात्मक हो.’’ थॉमसन का कहना है कि सब कुछ वापस लिया जाएगा. कोई मामला कायम नहीं रहेगा. इससे पूरा मामला निपट जाएगा.

शेयरधारकों को मिलेंगे 70 करोड़ डॉलर 

केयर्न ने अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि वह भारत सरकार से मिलने वाले 7,900 करोड़ रुपये या 1.06 अरब डॉलर में से 70 करोड़ डॉलर शेयरधारकों को स्‍पेशल डिविडेंड या बायबैक के जरिये वापस लौटाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी भारत में वापस लौटेगी, थॉमसन कहा कि एक बार यह मुद्दा बंद हो जाने के बाद भारत एक और संभावित इन्‍वेस्‍टमेंट डेस्टिनेशन बन जाएगा. उन्‍होंने कहा, ‘‘अगर उचित अवसर मिलता है, तो हम भारत क्यों नहीं आ सकते.’ उन्होंने कहा कि केयर्न की रेट्रो टैक्‍स मामले (पिछली तारीख से टैक्‍स डिमांड) के समाधान के लिए भारत सरकार के साथ एक अच्छी, खुली और ट्रांसपरेंट बातचीत हुई. हमारा मकसद समाधान पाना था. भारत सरकार ने इस कानून को लेकर काफी साहसी कदम उठाया है.  

सरकार को लौटाने होंगे 8,100 करोड़

भारत की इन्‍वेस्‍टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में इमेज को ठीक करने के लिए सरकार ने पिछले महीने नया कानून लागू करते हुए कई मल्‍टीनेशनल कंपनियों मसलन वोडाफोन, फार्मास्युटिकल्स कंपनी सनोफी, केयर्न और साबमिलर आदि के खिलाफ 1.1 लाख करोड़ रुपये की टैक्‍स डिमांड  को छोड़ने का फैसला किया था. अगर ये कंपनियां भारत के खिलाफ मामलों को वापस लेने पर सहमत हो जाती हैं, तो खत्‍म किए गए टैक्‍स प्रावधान के तहत इनसे जुटाए गए 8,100 करोड़ रुपये वापस कर दिए जाएंगे. इनमें ब्याज और पेनल्‍टी शामिल है. इनमें से करीब 7,900 करोड़ रुपये अकेले केयर्न से वसूले गए हैं.