Women Entrepreneurs in India: भारत में महिला एंट्रप्रेन्योर्स (Women Entrepreneurs) की तरफ से चलाए जा रहे कारोबार में अगले पांच साल में 90 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है. एक नए अध्ययन में यह कहा गया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस नई स्टडी में इस बात पर भी गौर किया गया है कि महिला एंट्रप्रेन्योर्स को समर्थन देने वाली सरकारी योजनाओं (Government schemes) का फायदा उठाए जाने की दर भी काफी कम बनी हुई है.

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3,300 महिला उद्यमियों की जानकारी (Information on 3,300 women entrepreneurs) 

खबर के मुताबिक, जाने-माने परमार्थ का काम करने वाले संगठन एडेलगिव फांउडेशन (Edelgive foundation) ने 13 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में यह अध्ययन किया है. इनमें कुल मिलाकर 3,300 महिला उद्यमियों की जानकारी मिली है. इन महिला उद्यमियों को तीन अलग अलग कैटेगरी में बांटा गया. महिला उद्यमियों को विनिर्माण, खुदरा कारोबार और सेवा आपूर्ति (Manufacturing, retail business, service supplies) उद्यमी की कैटेगरी में बांटा गया. उसके बाद इनमें से 1,235 महिला उद्यमियों को अध्ययन के लिए चुना गया और उनसे बातचीत की गई.

रुतबे में उल्लेखनीय सुधार (Significant improvement in status) 

इन महिला उद्यमियों के साथ ही उनके परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और ग्राहकों से भी बातचीत की गई. इसके अलावा महिला उद्यमियों को प्रत्यक्ष समर्थन देने वाले 20 गैर-सरकारी संगठनों के साथ भी डिटेल बातचीत की गई. अध्ययन में कहा गया है कि ग्रामीण और छोटे शहरों से आने वाले महिलाओं को कारोबार शुरू करने के बाद उनके सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक रूतबे में उल्लेखनीय सुधार दिखाई दिया.

सरकारी योजनाओं के फायदे उठाए जाने के उदाहरण बहुत कम  (very few examples of the benefits of government schemes)

अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि सरकार की ओर से महिला उद्यमियों को समर्थन देने के लिए कई तरह की योजनाओं और नीतियों के होने के बावजूद इस तरह की योजनाओं के फायदे उठाए जाने के उदाहरण बहुत कम हैं. अध्ययन के मुताबिक, जिन महिलाओं के बीच यह अध्ययन किया गया उनमें केवल एक प्रतिशत महिला उद्यमियों ने ही किसी सरकारी योजना का फायदा उठाया और इसकी वजह शायद यह भी हो सकती है कि केवल 11 प्रतिशत महिलाओं को ही इस तरह की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी थी.

जीवन में काफी सुधार आया (Life got change)

अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि जहां एक तरफ उद्यम शुरू करने के बाद महिलाओं के सामाजिक- आर्थिक जीवन में काफी सुधार आया है वहीं दूसरी तरफ यह भी देखा गया है कि अभी भी वित्तीय मामलों की जानकारी, उपलबध संसाधनों को लेकर जागरुकता, प्रोडक्ट की मार्केटिंग, उत्पादन और उनके समक्ष आने वाले सामाजिक-सांस्कृतिक चुनौतियां कुछ हैं जो अभी भी बनी हुई हैं.

महिला उद्यमियों की खास जरूरतों की पहचान करनी चाहिए (Special needs of women entrepreneurs should be identified)

अध्ययन के नोट में कहा गया है कि महिला उद्यमियों की तरफ से चलाए जा रहे कारोबार में भारत में अगले पांच साल के दौरान 90 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की संभावना है जबकि इसी तरह के कारोबार के मामले में अमेरिका और ब्रिटेन में क्रमश: 50 प्रतिशत और 24 प्रतिशत बढ़ोतरी की संभावना है. अध्ययन में कहा गया है कि सरकारों को इस तरह की महिला उद्यमियों की खास जरूरतों की पहचान करनी चाहिए. उनकी जरूरतों को पूरा करने के हिसाब से बेहतर कार्यक्रम तैयार करने चाहिये. 

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