Auto-rickshaw service GST: ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म के जरिए दी जाने वाली ऑटो-रिक्शा सर्विसेज पर एक जनवरी, 2022 से 5 फीसदी जीएसटी देना होगा. वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 18 नवंबर की एक नोटिफिकेशन के जरिए ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म के जरिए पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज देने वाले ऑटो रिक्शा के लिए उपलब्ध जीएसटी (माल एवं सेवा कर) छूट को वापस ले लिया है. 

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नोटिफिकेशन के मुताबिक, ऑटो रिक्शा चालकों की ओर से ऑफलाइन/मैनुअल तरीके से दी जाने वाली पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सविसेज पर छूट जारी रहेगी. जबकि, ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म के जरिए दी जाने वाली ऐसी सविसेज के लिए एक जनवरी, 2022 से 5 फीसदी टैक्‍स देना होगा. 

राइड महंगी हो जाएगी: एक्‍सपर्ट

EY इंडिया के टैक्‍स पार्टनर बिपिन सपरा ने कहा, "इस संशोधन का ई-कॉमर्स इंडस्‍ट्री की कंपनियों पर सीधा असर पड़ेगा, जो बहुत सारे ऑटो रिक्शा चालकों को सवारियों से जुड़ने के लिए एक ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म उपलब्‍ध कराती हैं. ई-कॉमर्स इंडस्‍ट्री ने अपने ज्यादा सस्ते, आरामदायक और पैसेंजर की बुकिंग के फ्लैक्सिबल तरीके के सहारे पैसेंजर ट्रांसपेार्ट सर्विसेज उपलब्‍ध कराते हुए मार्केट में एक बहुत ही महत्वपूर्ण जगह बनी ली है."

उन्‍होंने कहा कि नया प्रावधान से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए बुक की गई राइड महंगी हो जाएगी. इससे ऑफलाइन बनाम ऑनलाइन मोड के जरिए सर्विस उपलब्‍ध कराने के लिए टैक्‍स असमानता पैदा होगी. 

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फुटवीयर और कपड़ों पर बदला रेट

हाल ही में सरकार ने रेडीमेड कपड़ों और जूते-चप्पलों पर इन दोनों वस्तुओं पर जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर (GST) बढ़ाने का फैसला किया. इन वस्तुओं पर पहले 5 फीसदी GST लगता था लेकिन अब इन पर 12 फीसदी की दर लागू होगी. नई दर जनवरी 2022 यानी अगले साल से लागू कर दी जाएगी. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने इस नोटिफिकेशन को जारी किया था. 

नई घोषणा के मुताबिक, फैब्रिक और धागों पर जीएसटी को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा तैयार ड्रेस पर भी 12 फीसदी का जीएसटी लगेगा. इससे पहले जिन ड्रेसों की कीमतें 1000 रुपए तक थी, उन पर ही 5 फीसदी का जीएसटी लगता था. लेकिन अब सभी ड्रेसों को 12 फीसदी के स्लैब में शामिल कर दिया गया है.