वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड के मुनाफे में मार्च तिमाही में गिरावट देखी गई. इस दौरान कंपनी का मुनाफा 743.12 करोड़ रुपये के मुकाबले घटकर 652.99 करोड़ रुपये रह गया. हालांकि कंपनी की कुल आय में मामूली 0.72 प्रतिशत बढ़त देखी गई. कंपनी की मार्च तिमाही में कुल आय 8780 करोड़ रुपये के मुकाबले 8846 करोड़ रुपये दर्ज की गई. इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार रहे. इसमें कच्चे माल की कीमत में तेजी एक बड़ी वजह रही.

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अशोक लेलैंड के सीएफओ गोपाल महादेवन ने कहा कि हल्के वाणिज्यिक वाहन (LCV) कारोबार समेत तीन सहायक कंपिनयों का विलय अच्छा रहा. इससे एलसीवी कारोबार का परिचालन और बेहतर रहेगा. उनका कहना है कि हल्के वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट अभी काफी फायदा देने वाला कारोबार है. इसकी बाजार हिस्सेदारी अभी करीब 18 प्रतिशत है.

उन्होंने कहा कि हम एलसीवी कारोबार में काफी निवेश भी कर रहे हैं. हम फिनिक्स प्रोजेक्ट के तहत नए उत्पाद भी पेश करने वाले हैं. यह 2020 में पेश होगा, जब हमारे वाहन की क्षमता 5 से 7.5 टन होगी. उनका कहना है कि पिछले वित्त वर्ष में बाजार में 15 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली थी, लेकिन हमने दूसरी तिमाही और तीसरी तिमाही में बिक्री में गिरावट देखी.

महादेवन कहते हैं कि अभी चुनावी नतीजों को लेकर सोच रहे थे कि कोई स्थिर सरकार आए. अभी LCV के डिमांड के लिए अच्छा समय है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नए वित्त वर्ष में दूसरी और तीसरी तिमाही में हमें अच्छे नतीजे मिलेंगे.

मुनाफा और मार्जिन पर उनका कहना है कि वित्त वर्ष 2018-19 में कच्चे माल की कीमत काफी तेज थी. स्टील की कीमत हर महीने बढ़ती चली गई. हालांकि उऩका कहना है कि मार्च तिमाही के रिजल्ट काफी संतोषजनक रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोर सेक्टर में वृद्धि से कारोबार में बढ़ोतरी होगी.