सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है. बैंक के इस कदम से लोगों का होम लोन, वाहन लोग तथा पर्सनल लोन की ईएमआई कम हो जाएगी. बैंक ने अपनी ब्याज दरों में 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. एसबीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट कम किए जाने के बाद अपनी ब्याज दरों में कटौती करने ऐलान किया है. 

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एसबीआई ने कहा है, "इसके परिणाम स्वरूप एमसीएलआर से जुड़े सभी ऋणों पर ब्याज दर 10 जुलाई, 2019 से पांच आधार अंक घट जाएगा. मौजूदा वित्तवर्ष में यह तीसरी दर कटौती है. 

बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक ने अपने होम लोन रेट को रेपो रेट से लिंक करने का फैसला किया था. रेपो रेट के आधार पर जुलाई में नई दरें लागू करने की बात कही थी. एसबीआई ने मंगलवार से नई दरों की घोषणा की. अभी तक बैंक की ब्याज दरें मिनिमम कॉस्टे लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) पर आधारित होती थीं, जिन्हें बदलकर रेपो रेट को आधार बनाया गया है.

पिछले महीने रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी और रेपो रेट को 6 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया गया था. रेपो रेट के हिसाब से एसबीआई ने अपनी ब्याज दरों में 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा की है. वर्तमान में एसबीआई की होम लोन की दर 8.45 फीसदी सालाना है, 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद ब्याज दर घटकर 8.40 फीसदी सालाना हो जाएगा. ब्याज दर में यह कटौती 10 जुलाई से लागू होगी. 

बता दें कि एसबीआई ने एमसीएलआर ने 1 अप्रैल से अब तक 3 बार कटौती की है. बैंक के इस कदम से होम लोन से इस साल 20 बेसिस प्वाइंट की कमी आई है. 

इस तरह बैंक ने एक बार फिर अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. एसबीआई के ग्राहकों के पर्सनल लोन, होम लोन, क्रेडिट कार्ड लोन, प्रॉपर्टी पर लोन, ऑटो लोन की ईएमआई में कमी आएगी. 

क्या है MCLR

रिजर्व बैंक द्वारा लोन देने के लिए तय न्यूनतम दर सीमांत लागत आधारित ब्याज दर यानी मिनिमम कॉस्ट लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) कहलाती है. बैंक इस दर से कम पर ऋण नहीं दे सकते हैं. 1 अप्रैल 2016 से यह सिस्टम बैंकिंग प्रणाली में शामिल है. यह लोन देने की न्यूनतम दर कहलाती है.

एसबीआई ने MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट की कटौती की.

ब्याज की नई दरें 10 जुलाई से लागू होंगी

नई दरों के मुताबिक एक साल का एमसीएलआर 8.40 फीसदी होगा.

1 अप्रैल से अब तक होम लोन की दरों में 20 बेसिस प्वाइंट की कमी.