केंद्रीय रिजर्व बैंक RBI ने घरेलू सिस्टेमेटिक इम्पोर्टेन्ट बैंक (D-SIB) की लिस्ट में SBI और HDFC Bank को ऊपर के बकेट में शिफ्ट किया है. SBI को जहां बकेट 3 से बकेट 4 में शिफ्ट किया गया है. वहीं, HDFC Bank को बकेट 1 से बकेट 2 में शिफ्ट किया गया है. बकेट में ऊपर शिफ्ट होने के चलते दोनों बैंकों को ज्यादा Tier 1 कैपिटल रखना होगा. इन बैंकों को 1 अप्रैल 2025 से ज्यादा Tier 1 कैपिटल रखना होगा.

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इस बदलाव के बाद SBI के एडिशनल कैपिटल रिक्वायरमेंट को 60 bps से बढ़ाकर 80 bps किया गया है. वहीं, HDFC बैंक के एडिशनल कैपिटल रिक्वायरमेंट को 20 bps से बढ़ाकर 40 bps कर दिया गया है.

अपनी ताजा फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में RBI ने एक बैंक की दिक्कतों का दूसरे बैंक पर पड़ने वाले असर के बारे में जिक्र किया था. रिपोर्ट में RBI ने कहा था कि अगर कोई क्रिटिकल बैंक फेल होता है तो टियर 1 कैपिटल पर 3.6% का असर होगा. इसके पहले 2.2% के असर का आकलन था. सभी कॉमर्शियल बैंकों का NPA सितम्बर 2024 तक 3.2% से घटकर 3.1% होने का अनुमान है. सितम्बर तक CRAR 14.8 % रहने का अनुमान है. स्ट्रेस केस में 12.2 % रहने का अनुमान है. स्ट्रेस केस में भी GNPA 4.4 % रहने का अनुमान है.