भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में मौद्रिक समीक्षा आगामी 6 जून को होने जा रही है. मार्केट का कहना है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर को नीतिगत ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत तक की कटौती करनी चाहिए. मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा कहते हैं कि शक्तिकांत दास को यह बेहतर पता है कि ब्याज दरों में कमी की अभी कितनी जरूरत है. इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि वह इस पर कुछ फैसला लेंगे. बग्गा ने कहा कि फेडरल बैंक भी सितंबर नहीं तो दिसंबर तक ब्याज घटा देगा. रिजर्व बैंक को उससे आगे जाने की जरूरत है. उनका कहना है कि ब्याज दर में कटौती होने से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद मिलेगी.

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बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल अर्थव्यवस्था और आय पर थोड़ा मायूसी है जो थोड़े समय और चलेगा. बग्गा कहते हैं कि आगामी 31 मई को जीडीपी के आंकड़े आएंगे जो 6.5-6.6 प्रतिशत रह सकते हैं. हालांकि बाजार आगे की ओर देख रहा है. बग्गा का कहना है कि आज गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) की हालत ज्यादा खराब है. इस पर बेहद खास ध्यान देने की जरूरत है. कुछ लोग कह रहे हैं कि एनबीएफसी फ्री मार्केट है, डूबने दो. लेकिन ऐसा नहीं है इसे डूबने नहीं दिया जा सकता. 

एनबीएफसी की काफी बड़ी भूमिका है. जमीन के बदले लोन बैंक नहीं दे रहे थे लेकिन एनबीएफसी दे रहे थे. एनबीएफसी पर हुए असर से इसका सीधा असर रीयल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा. आपको गौर करना होगा कि आखिर नौकरियां कंस्ट्रक्शन,टेक्सटाइल्स और सर्विसेस में आती हैं. सरकार को इन सेक्टर पर खास ध्यान देना है.

बग्गा कहते हैं कि पीएमओ में 100 दिनों की योजना तैयार है. ऐसा लगता है कि सोमवार से इनकी समीक्षा शुरू हो जाएंगी. बुधवार को ही वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ ऑटोमोबाइल कंपनियों की बैठक हुई जिसमें जीएसटी दरों को और कम करने की मांग की गई. इस तरह के कई काम जारी है.