देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस बीच अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति (मोनेटरी पॉलिसी) के मामले में रुख में बदलाव लाने में देरी कर सकता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, आरबीआई फरवरी में दो महीने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करेगा. संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ कई राज्यों ने इसकी रोकथाम के लिए पाबंदियां बढ़ाई हैं. इससे पुनरुद्धार पर विपरीत असर पड़ सकता है. खबर के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सुबह 8 बजे जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में एक दिन में कोविड-19 के 58,097 नए मामले सामने आए हैं. करीब 199 दिन बाद इतने ज्यादा डेली मामले सामने आए हैं. इससे पहले, 20 जून 2021 को 58,419 नए मामले सामने आए थे.

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हाल-फिलहाल कोई कदम उठाने के संकेत नहीं

एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ के मुताबिक, उन्हें नहीं लगता कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (monetary policy in india) मौद्रिक नीति को सामान्य स्तर पर लाने के लिए हाल-फिलहाल कोई कदम उठाने जा रही है. कम-से-कम फरवरी में होने वाली अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में तो इसकी उम्मीद नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मार्च तिमाही की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर पर 0.30 प्रतिशत का विपरीत असर पड़ सकता है.

पाबंदियों का बढ़ोतरी पर असर होगा

बरुआ ने कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसकी रोकथाम के लिए लगाई जाने वाली पाबंदियों का बढ़ोतरी पर असर पड़ेगा. इसको देखते हुए फरवरी में नीतिगत दर में ग्रोथ की संभावना सीमित है. यूबीएस सिक्योरिटीज की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने भी कहा कि भारत भी उम्मीद करता है कि केंद्रीय बैंक कुछ और समय ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपनाए.

देखो और इंतजार करो’ का हो सकता है रुख

जैन ने कहा कि अगर नए ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर जोखिम बना रहता है, तो कम समय में इससे जुड़ी अनिश्चितता को देखते हुए हमें लगता है कि एमपीसी फरवरी की नीतिगत (monetary policy) बैठक में ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपना सकती है. इससे वह अप्रैल में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीति को सामान्य स्तर पर लाने में देरी कर सकती है.

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इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कमजोर ग्रोथ के बढ़ते जोखिम को देखते हुए रिजर्व बैंक कुछ और समय तक मौजूदा रुख को बरकरार रखेगा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और उसपर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न राज्यों में लगायी जा रही पाबंदियों से अनिश्चतता बढ़ी है. ऐसे में यह संभावना कम है कि आरबीआई अगले महीने मौद्रिक नीति (monetary policy) रुख में कोई बदलाव करेगा.