एटीएम इस्तेमाल करने वालों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी राहत दी है. फ्री एटीएम (ATM) ट्रांजेक्शंस पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सफाई जारी की है. आरबीआई (RBI) ने बैंकों से कहा है कि वह एटीएम पर होने वाले फेल ट्रांजेक्शंस या एटीएम में नकदी नहीं होने पर महीने में मिलने वाली फ्री ट्रांजेक्शंस में गिनती न करें.

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आरबीआई ने इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया गया है. सर्कुलर के मुताबिक, एटीएम में किसी भी तरह की तकनीकी खामी और कैश नहीं होने पर उसे फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट में शामिल नहीं माना जाएगा. गलत पिन डालना भी फ्री ट्रांजेक्शन में नहीं गिना जाएगा.

आरबीआई ने बैंकों को जारी सर्कुलर में कहा, 'हमारे संज्ञान में आया है कि एटीएम में नकदी नहीं होने, इनवैलिड पिन या तकनीकी कारणों से फेल होने वाले ट्रांजेक्शंस को भी फ्री एटीएम ट्रांजेक्शंस में गिन लिया जाता है. इन ट्रांजेक्शंस को वैलिड एटीएम ट्रांजेक्शंस नहीं मानना चाहिए और इन पर कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा.'

आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस बैंक का कार्ड है, उसी के एटीएम में बैलेंस इन्क्वॉयरी, चेक बुक रिक्वेस्ट, टैक्स पेमेंट, फंड ट्रांसफर आदि जैसे नॉन-कैश विद्ड्रॉल ट्रांजेक्शंस भी फ्री एटीएम ट्रांजेक्शंस का हिस्सा नहीं होंगे.

क्या हैं एटीएम ट्रांजेक्शन के नियम

आमतौर पर जिस बैंक का कार्ड है, उसी के एटीएम में महीने में अधिकतम 5 ट्रांजैक्शंस फ्री मिलते हैं. दूसरे बैंक के एटीएम में महीने में अधिकतम 3 ट्रांजेक्शंस फ्री मिलते हैं. दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता जैसे मेट्रो शहरों में 3 ट्रांजेक्शंस ही फ्री मिलते हैं.

फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा नो-फ्रिल्स या छोटे बचत खातों पर लागू नहीं होती है. फ्री लिमिट के बाद बैंक 20 रुपए ट्रांजेक्शन चार्ज के रूप में वसूलते हैं. बैंक चाहें तो ज्यादा फ्री ट्रांजेक्शन दे सकते हैं.