केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को दो बैंकों पर जुर्माना लगाया है. नॉन-कंप्लायंस को लेकर DCB Bank Ltd. और Tamilnad Mercantile Bank Ltd. पर जुर्माना लगाया गया है. RBI ने DCB बैंक पर जहां 63,60,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक को 1,31,80,000 करोड़ का जुर्माना भरना है.

DCB Bank पर क्यों लगा है जुर्माना?

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RBI ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि 13 मार्च को दिए गए एक आदेश में DCB Bank पर 63 लाख 60 हजार का जुर्माना लगाया है, जिसके पीछे बैंक के नियमों का पालन न किया जाना वजह थी. बैंक ने 'Interest Rate on Advances' को लेकर आरबीआई के कुछ विशिष्ट निर्देशों का पालन नहीं किया था. बैंक के 31 मार्च, 2022 तक के फाइनेंशियल पोजीशन पर आरबीआई ने प्रावधानों के तहत जांच की थी, जिसके बाद नियमों के उल्लंघन का पता चला था. जांच में सामने आया कि बैंक ने MCLR लिंक्ड फ्लोटिंग रेट एडवांस पर एक तय अवधि में ब्याज दरों को रीसेट नहीं किया था. इसके साथ ही कुछ फ्लोटिंग रेट रिटेल लोन और MSMEs को फ्लोटिंग रेट लोन की ब्याज रेट को बाहरी बेंचमार्क उधार रेट पर सेट करने में विफल रहा.

Tamilnad Mercantile Bank पर क्यों लगा है जुर्माना?

तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक पर ज्यादा भारी जुर्माना लगा है क्योंकि इसके ऊपर आरोप भी कई थे. आरबीआई ने बताया कि उसकी जांच में पता चला कि बैंक कुछ फ्लोटिंग रेट रिटेल लोन और MSMEs को फ्लोटिंग रेट लोन की ब्याज रेट को बाहरी बेंचमार्क उधार रेट पर सेट करने में विफल रहा. इसके साथ उसने एक ही लोन कैटेगरी में कई बेंचमार्क बना लिए. कुछ निश्चित फ्लोटिंग रेट लोन पर जो बेंचमार्क रेट लागू थे, उनके आधार पर प्राइस नहीं किया. और आखिर में CRILC के पास कुछ निश्चित उधारकर्ताओं की गलत बाहरी रेटिंग बताई.

ग्राहकों पर क्या होगा असर?

आरबीआई ने अपने आदेश में कहा है कि ये एक्शन नियामकीय अनुपालन में कमी के आधार पर ली गई है. और इसका इरादा बैंक की ओर से ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन या समझौते की वैधता को प्रभावित करने का नहीं है. इसके अलावा, बैंक ने कहा है कि जुर्माना लगाने से आरबीआई की ओर से बैंक के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.