लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका इस संदेह के आधार पर खारिज कर दी कि वह ब्रिटेन से भाग सकता है और गवाहों के साथ हस्तक्षेप कर सकता है. सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट ने 48 वर्षीय नीरव मोदी की पुलिस (मेट्रोपॉलिटन पुलिस) हिरासत अगली सुनवाई की तिथि 26 अप्रैल तक बढ़ा दी.

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अर्बथनॉट ने ही एक अन्य भगोड़े विजय माल्या के प्रत्यर्पण का पिछले वर्ष दिसंबर में आदेश दिया था. भारतीय प्रशासन की तरफ से अदालत में पेश क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने नीरव मोदी की जमानत के खिलाफ बहस की और इसके बाद अदालत का यह आदेश आया. अभियोजन ने कहा, "इस बात का वास्तविक खतरा है कि वह भाग सकता है, गवाहों को प्रभावित कर सकता है, सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है."

बचाव पक्ष के वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने कहा, "भारत में मामला दर्ज होने से पहले से मैं (नीरव मोदी) ब्रिटेन में हूं. मेरी जमानत याचिका का विरोध इस आधार पर कैसे किया जा सकता है कि मैं ब्रिटेन से भाग सकता हूं?"

नीरव को पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले के संबंध में लंदन के हॉलबॉर्न में 19 मार्च को भारतीय प्रशासन की तरफ से गिरफ्तार किया गया था. उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया गया और अगले दिन उसे वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी और मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए तय कर दी थी.