भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में मौद्रिक समीक्षा के बाद रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया. यह लगातार 5वीं बार है, जब केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. बता दें कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर स्थिर है. वैसे तो ब्याज दरों (Interest Rate) में कटौती नहीं होने की वजह से आम आदमी को इस फैसले का कोई फायदा नहीं मिला है, लेकिन बैंक ने यूपीआई को लेकर एक अहम घोषणाएं की हैं, जो बड़े काम की हैं. इनमें एक घोषणा तो ये है कि अब अस्पतालों और शिक्षा संस्थानों में यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI Transaction) की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं दूसरी बड़ी घोषणा ये है कि 3 तरह की ट्रांजेक्शन में 1 लाख रुपये तक के ऑटो पेमेंट के लिए ओटीपी की जरूरत नहीं होगी. आइए जानते हैं इनके बारे में.

इन 3 तरह की ट्रांजेक्शन पर मिलेगा फायदा

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रिजर्व बैंक की घोषणा के अनुसार म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, इंश्योरेंस प्रीमियम सब्सक्रिप्शन या फिर क्रेडिट कार्ड के भुगतान की ट्रांजेक्शन पर ये फायदा मिलेगा. इसके तहत 1 लाख रुपये तक की ऑटो पेमेंट ट्रांजेक्शन के लिए किसी ओटीपी की जरूरत नहीं होगी. मौजूदा वक्त में यह सीमा 15 हजार रुपये है, जिससे अधिक की यूपीआई ऑटो पेमेंट की ट्रांजेक्शन पर ओटीपी आधारित एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन (AFA) की जरूरत होती है.

भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी बयान के मुताबिक रिकरिंग पेमेंट के लिए ई-मैंडेट्स को प्रोसेस करने के लिए अगस्त 2019 में एक फ्रेमवर्क की शुरुआत की गई थी. इसके तहत ग्राहकों को सुविधा देते हुए सुरक्षित तरीके से डिजिटल ट्रांजेक्शन की जाती हैं. हालांकि, जब भी कोई ई-मैंडेट 15 हजार रुपये से अधिक होता है तो उसके लिए एक एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है. आखिरी बार यह सीमा जून 2022 में अपडेट की गई थी. मौजूदा वक्त में करीब 8.5 करोड़ ई-मैंडेट रजिस्टर्ड हैं, जिनसे हर महीने लगभग 2800 करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन होती है. म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, इंश्योरेंस प्रीमियम सब्सक्रिप्शन और क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान में ट्रांजेक्शन की सीमा अक्सर 15 हजार रुपये से अधिक रहती है. ऐसे में इन कैटेगरी के लिए ट्रांजेक्शन की सीमा को 1 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव दिया जा रहा है.

इन दो जगहों पर ट्रांजेक्शन लिमिट होगी 5 लाख रुपये

रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की लेन-देन की सीमा को बढ़ा दिया है. बैंक ने यूपीआई ट्रांजेक्शन लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अस्पताल और शिक्षा संस्थानों में यूपीआई ट्रांजैक्शन की सीमा को बढ़ाया जा रहा है. अब इसे 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा रहा है. आरबीआई ने UPI ऑटो पेमेंट की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है.

GDP ग्रोथ अनुमान बढ़ाया

गवर्नर शक्तिकांत दास ने GDP के ग्रोथ अनुमान को भी जारी किया. वित्त वर्ष 2024 के लिए GDP का ग्रोथ अनुमान 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी करने का फैसला किया गया है. इसके अलावा तीसरी तिमाही के लिए GDP का ग्रोथ अनुमान 6.4 फीसदी रखा है. बता दें कि वित्त वर्ष 2024 के लिए जीडीपी का अनुमान 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.4 फीसदी रखने का फैसला किया गया है. बता दें कि रेपो रेट में बदलाव के लिए 6 में से 5 सदस्य अकोमोडेटिव रुख वापस लेने के पक्ष में रहे. MPC के सभी सदस्य दरें स्थिर रखने के पक्ष में थे. 

8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ बेहतर

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए बताया कि घरेलू मांग से भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी जारी है और अक्टूबर में 8 कोर इंडस्ट्री की ग्रोथ बेहतर हो रही है. इसके अलावा लागत खर्च में कमी से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत हुआ है और ग्रामीण मांग में सुधार देखने को मिल रहा है. सरकारी खर्चे से निवेश की रफ्तार में तेजी देखी गई और त्योहारी मांग से घरेलू खपत बढ़ी है.