याद होगा ना.. 'ऑपरेशन हफ्ता वसूली' ज़ी बिज़नेस की खास मुहिम. सिर्फ आपके लिए थी. आपके पैसे के लिए. आपके सपोर्ट के लिए. डिजिटल लैंडिंग कंपनियों की कारगुजारी को लेकर ज़ी बिज़नेस ने सबसे पहले अप्रैल में इस मामले को उठाया था. उस वक्त जब लॉकडाउन में लोग सबसे ज्यादा परेशान थे. कामकाज ठप था लेकिन रिकवरी एजेंट लोगों को प्रताड़ित करने में जुटे हुए थे. लॉकडाउन के बीच लोगों की आमदनी पर मार पड़ी थी. लोगों के पास नियमित खर्चों के लिए भी पैसे नहीं थे. लेकिन, डिजिटल लेंडिंग कंपनियों के रिकवरी एजेंट न केवल लोगों को पैसे लौटाने के लिए दबाव बना रहे थे. बल्कि, उनका डेटा हैक कर रिश्तेदारों, घर वालों और दोस्तों तक को कॉल कर ग्राहकों की बदनामी कर रहे रहे थे. मोराटोरियम का भी कोई फायदा नहीं दिया जा रहा था. इस मुद्दे को ज़ी बिज़नेस पर दिखाए जाने के बाद डिजिटल लेंडिंग कंपनियों ने ग्राहकों को कॉल कर रियायत देने की बात कही. साथ ही मोराटोरियम का भी विकल्प देने की बात कही. हालांकि इसके लिए मोटी फीस का भी हवाला दिया था.

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24 जून-RBI ने नोटिफिकेशन जारी किया

डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म वाली कंपनियों के खिलाफ मिल रही शिकायतों को लेकर रिजर्व बैंक ने नोटिफिकेशन जारी किया. जिसमें ये कहा कि हर बैंक, हर NBFC डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के ज़रिए लोन बांटते समय फेयर प्रैक्टिस कोड, आउटसोर्सिंग नियम का पालन करेगी. मुख्यतौर पर फोकस ट्रांसपैरेंसी पर होगा. जैसे कि अगर कोई बैंक या NBFC किसी बाहरी डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के ज़रिए लोन बांट रही है तो वेबसाइट पर बताना होगा कि उसके डिजिटल लोन एजेंट कौन कौन हैं. जबकि डिजिटल लेंडिंग एप्लीकेशन वाली कंपनी भी ये बताएगी कि आखिर ग्राहक को लोन किस बैंक या NBFC से मिल रहा है. ताकि ज़रूरत पड़ने पर ग्राहक शिकायत कर सके. लोन मंजूर होने पर बैंक, NBFC के लेटर हेड पर चिट्ठी ग्राहक को मिलेगी. साथ ही लोन मंजूर होने या बांटते समय लोन एग्रीमेंट कॉपी देना ज़रूरी होगा. डिजिटल लेंडिंग एजेंट की बैंक और NBFC निगरानी करेंगे. ताकि किसी ग्राहक के साथ गलत न हो. शिकायतों के निपटारे के लिए भी ग्राहकों को जागरुक करना होगा.

रंग लाई ज़ी बिज़नेस की मुहिम

मुद्दा उठाया तो असर दिखा. लेकिन, पूरी तरह रोक नहीं लगी. थोड़ी नरमी आई, ज़ी बिज़नेस की मुहिम और शिकायतों के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी एक्शन लिया. फिर भी पूरी तरह रेगुलेशन जरूरी था. फिर ज़ी बिज़नेस ने 'ऑपरेशन हफ्ता वसूली' पार्ट-2 में एक बार फिर मुद्दा उठाया. 12 दिसंबर को डिजिटल लेंडिंग कंपनियों पर RBI गवर्नर से भी सवाल किया. ज़ी बिज़नेस ने RBI गवर्नर को भी डिजिटल लेंडिंग कंपनियों के हथकंडों से अवगत कराया और इस मामले पर और सख्ती की गुजारिश की. जिसमें RBI गवर्नर ने उठाए गए कदमों की जानकारी दी. 

आज शाम देखना न भूलें...

अब RBI ने ठगी को लेकर ने चेतावनी दे डाली है. उधारी देने वाले अवैध डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऐप से ग्राहकों को सावधान रहने को भी कहा गया है. आज शाम ज़ी बिज़नेस पर #AapkiKhabarAapkaFayda में बताएंगे कैसे हुआ 'ऑपरेशन हफ्ता वसूली' का असर. देखिए हमारा खास शो ज़ी बिजनेस की मुहिम, RBI की मुहर आज शाम 5.56 बजे प्रसारित होगा. इस दौरान आप अपने सवाल हमारे ट्विटर हैंडल और फेसबुक पर भेज सकते हैं. 

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