नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI सेवाएं देने वाली यूनिट्स को बड़ी राहत दी है. जिसके तहत थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स यूनिट्स (TPAP) के लिए डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन में 30 प्रतिशत की मात्रा की लिमिट को हासिल करने की डेडलाइन को 2 साल के लिए बढ़ाकर दिसंबर, 2024 कर दिया गया है. नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के इस फैसले से गूगल पे (Google Pay) और वॉलमार्ट के फोनपे (PhonePe) जैसी थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स को सबसे बड़ी राहत मिल सकती है. बताते चलें कि भारतीय बाजार में गूगल पे और फोनपे की यूपीआई बेस्ड ट्रांजैक्शन में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है.

1 जनवरी, 2021 से लागू होनी थी नई लिमिट

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बताते चलें कि भारत में एपीसीआई (APCI) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी यूपीआई का संचालन करता है. भारत में आपसी लेनदेन या खरीदारी के समय तत्काल पेमेंट के लिए बड़े पैमाने पर UPI का इस्तेमाल किया जाता है. NPCI ने नवंबर, 2020 में इस तरह की सुविधाएं देने वाले थर्ड पार्टी ऐप के लिए यूपीआई के जरिए किए जाने वाले लेनदेन का केवल 30 प्रतिशत ही प्रबंधित करने की घोषणा की थी. ये लिमिट 1 जनवरी, 2021 से लागू होनी थी. हालांकि, 5 नवंबर, 2020 को ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले टीपीएपी को चरणबद्ध तरीके से लिमिट हासिल करने के लिए 2 साल का समय दिया गया.

देश में तेजी से बढ़ रहा है UPI ट्रांजैक्शन

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने एक सर्कुलर में कहा कि यूपीआई के मौजूदा उपयोग और भविष्य की संभावनाओं तथा बाकी के संबंधित कारकों को देखते हुए ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले टीपीएपी के लिए अनुपालन समयसीमा 2 साल यानी 31 दिसंबर, 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. बताते चलें कि भारत में UPI के जरिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन की संख्या और इसकी वैल्यू में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. अक्टूबर, 2022 में हुए कुल UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 7.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 730 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई थी, जिसकी कुल वैल्यू 12.11 लाख करोड़ रुपये थी.

भाषा इनपुट्स के साथ