क्रेडिट कार्ड के ज्यादा इस्तेमाल के साथ बैंकों पर बढ़ते कर्ज और NPA का खतरा भी है. ऐसे में बैंकों ने क्रेडिट कार्ड स्पेंड पर नजर रखनी शुरू की है और इसके लिए वो AI (Artificial Intelligence) का सहारा ले रहे हैं. बैंक पहले से ही फ्रॉड का पता लगाने में एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं अब क्रेडिट कार्ड स्पेंड को बेकाबू होने से रोकने के लिए एआई की खास मदद ली जा रही है. अब बैंकों का AI आपके क्रेडिट कार्ड पर पैनी नजर रखेगा. जहां लगेगा कि कि क्रेडिट कार्डहोल्डर के सिर पर इनकम की क्षमता से ज्यादा उधारी है, तो उसकी क्रेडिट कार्ड की लिमिट कम कर दी जाएगी. 

क्रेडिट कार्ड स्पेंडिंग पर AI की नजर

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, इन दिनों देश का हर बैंक आपके क्रेडिट कार्ड स्पेंड पर नज़र रख रहा है. जहां बैंकों के AI सिस्टम को रिस्क महसूस हुआ कि आप अपनी क्षमता से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड स्वाइप कर रहे हैं. आपके कार्ड की लिमिट कम कर दी जाएगी.

बहुत बार क्रेडिट कार्ड होल्डर एक बैंक से कार्ड लेने के बाद दूसरे बैंक से भी कार्ड ले लेता है या फिर अपने क्रेडिट कार्ड पर लोन ले लेता है. बैंक रूटीन से क्रेडिट ब्योरे के डाटा पर नजर रखते हैं और जहां पर किसी कस्टमर का क्रेडिट स्कोर यह बताए कि कस्टमर क्षमता से ज्यादा उधार ले रहा है और आने वाले दिनों में अपना क्रेडिट कार्ड का बिल भरने में असमर्थ हो सकता है तो बैंक क्रेडिट डिफॉल्ट से बचने के लिए कस्टमर की कार्ड लिमिट कम कर देते हैं.

क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट और NPA का खतरा

केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) के डाटा के अनुसार FY23 में credit card default में 951 करोड़ की बढ़ोतरी हुई थी. क्रेडिट कार्ड में बढ़ते NPA को देखते हुए रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड लोन पर risk weightage 125% से बढ़ाकर 150% कर दिया था, जिससे बैंकों के बिज़नेस पर असर पड़ा. Liquidity crunch के दिनों में क्रेडिट कार्ड में provisioning बढ़ गई. वहीं, दूसरी ओर कस्टमर की बात करें तो इस साल जनवरी 2024 के डाटा के अनुसार क्रेडिट कार्ड स्पेंड में 30% की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में बैंक आनन-फानन ग्राहक की क्षमता से ज्यादा खर्च को रोकने और क्रेडिट कार्ड बिल के पेमेंट पर डिफॉल्ट को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं. और इसी दिशा में क्रेडिट कार्ड स्पेंड को कम करने के लिए बैंक एआई की मदद ले रहे हैं.