ब्रिटेन की कोर्ट ने पूछा- बताएं नीरव मोदी को किस जेल में रखेंगे? 14 दिन में मांगा पूरा प्लान
भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को 30 मई को चौथी बार ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने एक बार फिर से उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी.
भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को 30 मई को चौथी बार ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत में पेश किया गया. कोर्ट ने एक बार फिर से उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी और न्यायिक हिरासत 27 जून तक बढ़ा दी गई है. 27 जून को ही मामले की अगली सुनवाई होगी. कोर्ट ने भारत सरकार से पूछा है कि वह 14 दिनों में बताए कि उसे किस जेल में रखा जाएगा. सुनवाई के दौरान जज एम्मा आर्बुथनोट ने कहा कि आखिरकार 14 दिनों के भीतर भारत सरकार जेल के बारे में क्यों नहीं खुलासा कर सकती है. साथ में उन्होंने मुंबई स्थिर आर्थर रोड जेल का नाम भी लिया.
नीरव मोदी से पहले विजय माल्या के मामले में भी जज एम्मा आर्बुथनोट ने ही उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दी थी. दिसंबर 2018 में उन्होंने माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर फैसला सुनाया था, उससे पहले भारतीय जांच एजेंसियों ने आर्थर रोड जेल की उस सेल का वीडियो दिखाया था जहां माल्या को रखा जाएगा. अब जब नीरव मोदी मामले की सुनवाई हो रही है तो जज ने कहा कि अगर मोदी को भी उसी तरह की सेल में रखा जाता है तो कोर्ट को इसमें कोई परेशानी नहीं है.
3 बार खारिज हो चुकी है जमानत याचिका
नीरव की जमानत अर्जी तीन बार खारिज हो चुकी है. उसने 8 मई को आखिरी बार अर्जी लगाई थी. नीरव की वकील क्लेर मोंटगोमरी ने दलील दी थी कि जमानत के लिए नीरव कोर्ट की सभी शर्तें मानने के लिए तैयार है क्योंकि वांड्सवर्थ जेल की स्थितियां रहने के लायक नहीं हैं.
नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कर्ज में 2 अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में भारतीय कानून के हवाले किए जाने की भारतीय एजेंसियों की अर्जी को ब्रिटेन की अदालत में चुनौती दे रहा है. फिलहाल, वह दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है. मोदी को लंदन पुलिस ने प्रत्यर्पण वारंट पर लंदन के मेट्रो बैंक से गिरफ्तार किया था. वह उस समय 19 मार्च को एक नया बैंक खाता खोलने का प्रयास कर रहा था. तब से वह जेल में है.