वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा है कि बैंकों ने अबतक सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत 75,000 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, 1 जून से शुरू सौ प्रतिशत गारंटी वाली इस स्कीम के तहत अबतक 32,894.86 करोड़ रुपये डिस्ट्रीब्यूट किए जा चुके हैं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कोरोनावायरस महामारी से प्रभावित इकोनॉमी को सहारा देने के लिए पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की अनाउंसमेंट की थी. इस पैकेज का सबसे बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (MSME) के लिए घोषित 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (Emergency Credit Line Guarantee Scheme) है.

सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा है, सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों ने 100 प्रतिशत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत अबतक 75,426.39 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है जिसमें से 32,894.86 करोड़ रुपये डिस्ट्रीब्यूट हो चुके हैं. 

वित्त मंत्रालय के आंकड़े में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 और निजी क्षेत्र के 16 बैंकों के आंकड़े शामिल हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘ इसमें से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अबतक 42,739.12 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं जिसमें से 22,197.54 करोड़ रुपये डिस्ट्रीब्यूट किये जा चुके हैं. वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों ने 32,687.27 करोड़ रुपए मंजूर किए जबकि अबतक 10,697.33 करोड़ रुपए डिस्ट्रीब्यूट किये गए.

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इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम का मकसद कोरोना संकट की वजह से उन एमएसएमई कंपनियों या यूनिट को आर्थिक मदद देना है जो परेशानी का सामना कर रही हैं. कोरोना संकट से एमएसएमई सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग और दूसरी गतिविधियों पर काफी असर हुआ है. इस स्कीम का मकसद एमएसएमई के सामने आए ऐसे ही आर्थिक संकट को कम करने के लिए उन्हें सौ प्रतिशत गारंटी वाले इमरजेंसी लोन के तौर पर 3 लाख करोड़ रुपए की मदद करनी है.