Joint Home Loan: रिजेक्ट हो गया होम लोन.. अब क्या करें? कोई ऑप्शन समझ नहीं आता? एक ऑप्शन है.. ज्वाइंट होम लोन. दरअसल, ज्यादातर मामलों में परिवार के मुखिया के नाम से होम लोन किया जा जाता है, लेकिन अगर ज्वाइंट होम लोन (Joint Home Loan) लिया जाए, तो ये आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्वाइंट होम लोन लेने से 'ज्यादा लोन तो मिलता ही है टैक्स बेनिफिट (Joint Home Loan Income tax benefits) भी डबल हो जाते हैं. को-एप्लीकेंट्स के साथ मिलकर होम लोन लेने के कई फायदे हैं.' आइए ज्वाइंट होम लोन के कुछ फायदों के बारे में जानें-

आसानी से मिलता है लोन

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सही फिक्स ऑब्लिगेशन टू इनकम रेश्यो या क्रेडिट स्कोर (Credit score) अच्छा नहीं होने के कारण लोन लेने में परेशानी आ सकती है. ऐसी स्थिति में किसी दूसरे व्यक्ति को आवेदक के तौर पर अपने साथ जोड़कर लोन लेने के लिए योग्यता में इजाफा होता है. जब आप एक ऐसे व्यक्ति के साथ मिलकर ज्वॉइंट होम लोन लेते हैं, जिसका क्रेडिट स्कोर मजबूत है और उसकी भुगतान करने की क्षमता अच्छी है, तो लोन लेने में आसानी रहती है. ज्वाइंट होम लोन (Joint Home Loan benefits) लेने पर आपको ज्यादा लोन मिल सकता है, क्योंकि बैंक दोनों आवेदकों की इनकम को ध्यान में रखकर लोन देगा.

क्या-क्या हैं फायदे

1. लोन लेने की योग्यता बढ़ जाती है.

2. आप ज्यादा बड़ा घर खरीद सकते हैं.

3. आप अपनी पसंद की जगह पर घर खरीद सकते हैं.

4. ज्यादा टैक्स बेनिफिट हासिल कीजिए.

5. महिला को-एप्लीकेंट होने पर कम ब्याज दर का लाभ.

6. साथ में को-एप्लीकेंट के होने से होम लोन अप्रूव होने के चांस बढ़ जाते हैं. 

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कौन बन सकता है को-एप्लीकेंट?

आमतौर पर परिवार के करीबी सदस्य को-एप्लीकेंट (Joint Home Loan co-applicant) बन सकते हैं. इस तरह पति/पत्नी, भाई/बहन या बच्चों को को-एप्लीकेंट बनाया जा सकता है. को-एप्लीकेंट वेतनभोगी या सेल्फ एम्प्लॉइड हो सकता है, भारतीय या NRI भी हो सकता है.

को-एप्लीकेंट और को-ऑनर में अंतर

को-एप्लीकेंट (Co-applicant) और को-ऑनर में अंतर समझने की जरूरत है. को-ऑनर (Co-owner) उस प्रॉपर्टी का साझा मालिक है, जबकि को-एप्लीकेंट के लिए उसे प्रॉपर्टी का मालिक होना जरूरी नहीं है. सामान्य सिद्धान्त है कि को-ऑनर ही को-एप्लीकेंट होगा, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं. को-एप्लीकेंट की जिम्मेदारी लोन चुकाने की है.

इनकम टैक्स में ज्यादा छूट

ज्यादातर घर खरीदारों को होम लोन पर इनकम टैक्स (Income tax 80C benefits) एक्ट के सेक्शन 80C और 24b के भीतर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट (Income tax 24b) की जानकारी होती है. लोन लेने वाला व्यक्ति सेक्शन 24b के तहत ब्याज को हर साल 2 लाख रुपए तक डिडक्शन की तरह ले सकता है जबकि प्रिंसिपल अमाउंट पर सेक्शन 80C के भीतर साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक का डिडक्शन मिलता है. ज्वाइंट होम लोन के लिए आवेदन करने से दोनों कर्ज ले रहे व्यक्ति अलग-अलग इनकम टैक्स बेनिफिट (Income tax benefits) का फायदा ले सकेंगे. हालांकि दोनों साथ में एप्लीकेंट के साथ मालिक भी हों, तभी वे टैक्स बेनीफिट अलग से ले सकेंगे.