कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की इंडियाबुल्स (Indiabulls) ग्रुप पर नज़र है. इंडियाबुल्स के मामले में फैसले के लिए हाई लेवल कमेटी की इस हफ्ते बैठक होगी. 'ज़ी बिजनेस' को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में कमेटी यह फैसला लेगी कि मंत्रालय का इस मामले पर क्या पक्ष रहेगा? 

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दरअसल इंडियाबुल्स ग्रुप पर 2 साल पहले कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने इंस्पेक्शन का ऑर्डर दिया था. इंस्पेक्शन रिपोर्ट में आई जानकारी के मुताबिक मंत्रालय आगे फैसला लेगा. मीटिंग में यह भी तय किया जाएगा कि मंत्रालय 27 तारीख को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई का इंतज़ार करे या फिर उससे पहले इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर कोई फैसला ले. 

कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के रीजनल डायरेक्टर नॉर्थ को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. दरअसल हाल में दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक PIL में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसमें ग्रुप के प्रमोटर्स पर पब्लिक मनी से प्राइवेट बेनेफिट का आरोप लगाया गया है. 

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि इंडियाबुल्स से लोन लेकर फिर शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर पैसे इंडियाबुल्स ग्रुप की कंपनियों और प्रमोटर्स से जुड़ी संस्थाओं में वापस लाए गए हैं. इस तरह से बैंकों से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया जा रहा है. 

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने SIT के गठन की मांग की है. अर्ज़ी में कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय, रिज़र्व बैंक, नेशनल हाउसिंग बैंक, सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस को भी पक्षकार बनाने की मांग की गई है. हालांकि कंपनी ने अपनी सफाई में कहा है कि जनहित याचिका में लगाए गए आरोप निराधार हैं. 

India Bulls ने कहा कि इस याचिका का लक्ष्मी विलास बैंक के साथ मर्ज़र पर कोई असर नहीं होगा. लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइऩेंस ने अप्रैल में मर्ज़र का एलान किया था.

अब तक की कार्रवाई एक नजर में

  • MCA में हाई लेवल की मीटिंग बुलाई गई है
  • HC की सुनवाई का इंतज़ार करे या कार्रवाई हो
  • 2 साल पहले कंपनी पर इंस्पेक्शन ऑर्डर हुआ था
  • जांच की प्रोग्रेस के आधार पर एक्शन तय होगा
  • MCA के RD नॉर्थ के पास जांच का जिम्मा था
  • NGO के PIL में MCA को पार्टी बनाने की मांग है
  • 27 सितंबर को दिल्ली HC में केस की सुनवाई है