कोरोना महामारी ने लोगों को इंश्योरेंस की वैल्यू समझा दी है. कोरोना महामारी न केवल एक बीमारी बन कर सामने आई है बल्कि इस दौरान तमाम लोगों का रोजगार और बहुत से लोगों का जीवन तक छिन गया है. 

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अभी तक जो लोग इंश्योरेंस को फालतू का खर्चा मानते थे, वे भी अपनी सहूलियत के हिसाब से प्लान खोज रहे हैं. लोगों की जरूरत को देखते हुए तमाम बीमा कंपनियों ने भी नए-नए प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं. ऐसे में एक आम आदमी कन्फ्यूज रहता है कि वह किस कंपनी का कौन सा प्रोडक्ट ले. 

बीमा को लेकर लोगों के मन में उपजने वाले तमाम सवालों के समाधान के लिए प्राइवेट सेक्टर की इंश्योरेंस कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ (ICICI Prudential Life) ने गूगल असिस्टेंट (Google Assistant) पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाला वॉयस चैटबोट LiGo लॉन्च किया है. 

कंपनी का दावा है कि इसका इस्तेमाल बहुत ही आसान है और यह सरल भाषा में लोगों की समस्या का समाधान करने का काम करता है. चैटबॉट LiGo पर प्रति माह लगभग 3.5 लाख वॉयस चैट किए जाते हैं. 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाते हुए अपनी सुविधाओं में विस्तार करते हुए कंपनी ने यह चैटबॉट शुरू किया है. 

इसके इस्तेमाल के लिए यजूर्स अपने Android स्मार्टफ़ोन पर गूगल असिस्टेंट (Google Assistant) को एक्टिवेट करके और अपनी पॉलिसी नंबर या रजिस्टर्ड फोन नंबर बोलकर अपनी पॉलिसी की पूरी जानकारी तुरंत हासिल कर सकते हैं. यह चैटबॉट उतना ही आसान है जिस तरह आप गूगल पर ट्रैफिक या रास्तों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं. 

चैटबॉट LiGo अंग्रेजी में है और यह 9 भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करता है. 

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आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और सीईओ एन एस कन्नन बताते हैं कि ICICI Prudential Life में उनके तकनकी से जुड़े तमाम नए प्रयोग इस्तेमाल किए जा रहे हैं. कुछ समय कंपनी ने थ्री-वी (3 Vs) वीडियो, वॉयस और वर्नाकुलर जैसी सुविधा शुरू की थी. और अब ग्राहकों की जरूरत को देखते हुए LiGo चैटबॉट शुरू किया गया है. 

एन एस कन्नन ने बताया कि वॉयस कमांड के आधार पर पॉलिसी की जानकारी तक पहुंच बनाना एक बड़ी सुविधा है.