प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) अब कर्ज देने के मामले में अतिआधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करेगा. बैंक ने अपने ग्राहकों खासकर किसानों के कर्ज देने के मामले में सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. बैंक का कहना है कि वह कर्ज देने से पहले सैटेलाइट डेटा-इमेजरी (satellite data) के माध्यम से किसान की हैसियत का आकलन करेगा. 

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बैंक का कहना है कि इस नई तकनीक से किसानों की लोन लिमिट बढ़ाने में मदद मिलेगी. साथ ही जो नए किसान बैंक से जुड़ रहे हैं उन तक पहुंच आसान बनेगी. 

आईसीआईसीआई का दावा है कि वह इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाला भारत का पहला बैंक होगा.

सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल किसान की जमीन, सिंचाई और फसल के तरीके समेत कई मापदंडों की एक एक पैमाने मापने मदद मिलेगी और फिर इस आकलन के आधार पर किसानों के कर्ज मुहैया कराया जाएगा.

बैंक ने बताया कि सैटेलाइट डेटा की मदद से किसान की जमीन का वैरिफिकेशन आसानी से किया जा सकता है इसलिए किसान की कर्ज लेने की कूवत के बारे में पता लगाकर उसे फौरन ही लोन मुहैया कराने में आसानी होगी.

आईसीआईसीआई बैंक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और गुजरात (Gujarat) के 500 से अधिक गांवों में पिछले कुछ महीनों से सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल कर रहा है और जल्द ही इस तकनीक को देश के 63,000 से अधिक गांवों में इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है. 

बैंक का यह कहना है कि इस पहल से कोरोना वायरस से बचाव में भी मदद मिलेगी. क्योंकि जमीन के वैरिफिकेशन से जुड़े तमाम कामों के लिए किसानों को जगह-जगह भागदौड़ करने की जरूरत नहीं होगी. 

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इस तकनीक से किसान या बैंक को मौके पर जाए बिना ही जमीन की सही लोकेशन, उसकी पैमाइश, फसल की स्थिति समेत तमाम उन बातों का पता लगाया जा सकता है जो लोन देते समय बैंक के लिए जरूरी होती हैं.

ICICI Bank के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनूप बागची ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक के पास एडवांस नवाचारों की विरासत है जो उनके ग्राहकों की सहूलियत में इजाफा करती हैं.

बागची ने बताया कि उन्होंने 1998 में इंटरनेट बैंकिंग, 2008 में मोबाइल बैंकिंग, 2012 में टैब बैंकिंग और 24x7 टच बैंकिंग ब्रांच जैसी एडवांस तकनीक पर आधारित सुविधाएं देने का रिकॉर्ड बनाया है.