वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को पर्सनल लोन (personal loan) लेने का फैसला बिल्कुल आखिरी ऑप्शन के तौर पर करना चाहिए. इसकी वजह है इस पर लगने वाला ज्यादा ब्याज. अगर आपको किसी कारणवश लेना ही पड़े तो इसकी जानकारी जरूर रखनी चाहिए. आप जो पर्सनल लोन लेते हैं उसकी एक ईएमएआई (EMI) बैंक या वित्तीय संस्थान तय कर देता है और आपको चुकानी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ईएमआई यानी मासिक किस्त EMI का कैलकुलेशन होता है. यहां हम एचडीएफसी बैंक के जरिये इसे समझने की कोशिश करते हैं.

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लोन लेने से पहले समझ लें ईएमआई

जब आप पर्सनल लोन (personal loan) लेते हैं, तो मासिक किस्त एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. पर्सनल लोन कैलकुलेटर (personal loan calculator के जरिये पेमेंट का कैलुलेशन करने में आसानी होती है. लोन लेने से पहले अपने लोन और रीपेमेंट की प्लानिंग कर सकते हैं. 

ऐसे होता है ईएमआई का कैलकुलेशन

एचडीएफसी बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, EMI का कैलकुलेशन एक फॉर्मूला का इस्तेमाल कर किया जाता है. यह फॉर्मूला है: P x R x (1+R)^N] / [(1+R)^N-1]

यहां P = मूलधन या आपकी लोन राशि

R = ब्याज दर

N = लोन की अवधि (जितने साल के लिए रीपेमेंट तय होता है) 

आपकी ईएमआई में दो मुख्य घटक शामिल हैं- मूलधन और ब्याज. आपके रीपेमेंट पीरियड के शुरुआती भाग में, ब्याज राशि ज्यादा होती है और वह इसके बाद आगे कम होती चली जाती है. रीपेमेंट पीरियड के आखिर में, मूल राशि ईएमआई का एक बड़ा रेशियो बनाती है.

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पर्सनल लोने मिनिमम डॉक्यूमेंट पर मिल जाता है

पर्सनल लोन के लिए किसी सिक्योरिटी की जरूरत नहीं होती है. इसके लिए प्रक्रिया बेहद कम डॉक्यूमेंट्स के आधार किया जा सकता है. बाकी लोन की तरह, इस लोने के लिए मासिक किस्तों चुकाना होता है. एचडीएफसी बैंक के पर्सनल लोन ईएमआई कैलकुलेटर से आप भी आप ईएमआई जान सकते हैं. इसके के लिए, सोन अमाउंट, ब्याज दर और लोन पीरियड डालने होते हैं. अब एंटर करने पर आपकी ईएमआई तुरंत शो करेगा. अगर आप तय ईएमआई से भी ज्यादा किस्त राशि दे सकते हैं तो ईएमआई पीरियड को कम करा सकते हैं.