क्या आपको पता है कि भारत में एक व्यक्ति कितने बैंक अकाउंट खुलवा सकता है? क्या देश में ऐसी कोई लिमिट है जिसके बाद आप सेविंग्स अकाउंट नहीं रख सकते? क्या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का ऐसा कोई नियम है? अगर आपके पास भी ऐसे सवाल उठते हैं, तो हम यहां इन सवालों और इनसे जुड़े कुछ और पॉइंट्स पर नजर डालेंगे. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आते हैं अपने सवाल पर- भारत में एक शख्स कितने  बैंक सेविंग्स अकाउंट रख सकता है? क्या RBI ने ऐसा कोई लिमिट सेट किया है? जवाब है- नहीं. देश में ऐसी कोई लिमिट नहीं है कि एक कस्टमर 2, 4, 5 या ऐसे ही किसी लिमिट में अकाउंट रख सकता है. RBI ने बैंक कस्टमर्स पर ऐसी कोई लिमिट नहीं रखी है. 

अगर आप कई बैंकों के साथ मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट पूरी एफिशिएंसी के साथ मैनेज कर लेते हैं, और आप अपने अकाउंट और डिपॉजिट को नियम-कानून के तहत रखते हैं, तो आपको इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है कि आपके पास कितना अकाउंट है. हालांकि, मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट रखते वक्त आपको कई बातों का ध्यान भी रखना होता है. मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट अगर अच्छे से रखा जाए तो आप कई बेनेफिट्स ले सकते हैं.  लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है कि हम जाकर हर बैंक के साथ सेविंग्स अकाउंट खुलवा लें. ये जनरल प्रैक्टिस भी नहीं है, और न ही ऐसा होना चाहिए. क्योंकि बैंक अकाउंट्स खुलवाना ही नहीं, उन्हें मैनेज करना भी इंपॉर्टेंट है. 

इन वजहों से नहीं रखने चाहिए बहुत ज्यादा बैंक अकाउंट

मेंटेन करना होगा मिनिमम मंथली बैलेंस

कुछ अपवाद छोड़ दिए जाएं तो लगभग हर सेविंग्स बैंक अकाउंट पर कस्टमर को एक मिनिमम बैंक बैलेंस मेंटेन करना होता है. यानी कि हर महीने आपके बैंक अकाउंट में, बैंक की ओर से सेट की गई एक लिमिट तक पैसे होने ही चाहिए. इससे कम होने पर बैंक आपके अमाउंट से ही पेनाल्टी काटता है और आप अगर तब भी इसे मेंटेन नहीं करते तो बैलेंस निगेटिव में चला जाता है. अगर आप एक या दो अकाउंट रखते हैं तो आप दोनों को बड़ी आसानी से मैनेज कर सकते हैं, लेकिन वहीं बैलेंस ज्यादा हुआ तो आपके लिए यह टास्क थोड़ा भारी पड़ सकता है.

कॉस्ट-टू-बेनिफिट जानना जरूरी

मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट हो, इसके लिए एक जो बड़ी जरूरी चीज है, वो ये कि इसमें आपकी लागत क्या होगी और इसको खुलवाने के पीछे जो वजह है, उसपर आपको बेनेफिट कितना होगा. जैसाकि हमने ऊपर कहा, बैंक अकाउंट मेंटेन करके रखना भी जरूरी है. इसके लिए आपको कितने फंड की जरूरत होगी, इसके मुकाबले आपको बेनेफिट्स और रिटर्न कितना मिलेगा, इस सबकी लिस्ट बनाकर अपना नफा-नुकसान समझ लें. इससे आपको यह समझ आ जाएगा कि आपके लिए मल्टीपल सेविंग्स अकाउंट रखना सही है या फिर नहीं.