HDFC Bank MCLR Hike: एचडीएफसी बैंक के ग्राहकों पर मासिक किस्त का बोझ और ज्यादा भारी हो रहा है. प्राइवेट सेक्टर के इस बड़े बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए आज बुधवार से मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी कर दी है. बैंक ने आज से हर टेन्योर के लिए MCLR में 10 बेसिस पॉइंट या 0.10% की बढ़ोतरी की है. MCLR की दरें बढ़ने का मतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे- होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह पर ब्याज दरें बढ़ जाती हैं.

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HDFC के रेट हाइक से नए और पुराने ग्राहकों के लिए ईएमआई पर ब्याज दरें और महंगी हो जाएंगी. यह बढ़ोतरी फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लागू होती है, फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर नहीं.

कितनी बढ़ी दरें

आज के रिवीजन के बाद HDFC का एक साल का MCLR बढ़कर 8.2% हो गया है, वहीं, ओवरनाइट MCLR 7.9% हो गया है. 

इसके अलावा, एक महीने के लिए MCLR 7.90%,  तीन महीने के लिए 7.95% और छह महीने के लिए MCLR 8.05% हो गया है. 

पिछले महीने भी ग्राहकों को झटका देते हुए HDFC ने फंड बेस्ड लेंडिंग रेट पर अलग-अलग अवधि के लिए पांच से 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की थी.

हाल ही में कई और प्राइवेंट बैंकों ने MCLR में बढ़ोतरी की है. ICICI बैंक, बंधन बैंक और कर्नाटक बैंक ने 1 सितंबर, 2022 से अलग-अलग टेन्योर के लोन पर एमसीएलआर बढ़ाया था. पिछले महीने एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, केनरा बैंक ने भी इस रेट से जुड़े लोन की ब्याज दरें बढ़ाई थीं.

MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate से मतलब उस न्यूनतम ब्याज दर से होती है, जिसके नीचे कोई भी वित्तीय संस्था ग्राहकों को लोन नहीं दे सकती है. बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का एमसीएलआर घोषित करना अनिवार्य होता है.