Digital Payment: सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है. पिछले कुछ वर्षों में, डिजिटल भुगतान लेनदेन में देश भर में वृद्धि देखी गई है, डिजिटल लेनदेन की संख्या जो वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2,071 करोड़ थी, वित्तीय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 13,462 करोड़ हो गई है. हर क्षेत्र में बढ़ाना होगा डिजिटल पेमेंट पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल पेमेंट में काफी वृद्धि हुई है, इसमें और वृद्धि की संभावनाएं हैं. जिन बाजारों या वर्गों या क्षेत्रों में अब तक डिजिटल भुगतान को नहीं अपनाया गया है वहां इसे बढ़ावा दिया जाना महत्वपूर्ण है. बजट घोषणा (वित्तीय वर्ष 2023-24) के अनुपालन में और देश में डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रूपे डेबिट कार्ड लेनदेन और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने वाले बैंकों और अन्य भुगतान प्रणाली संचालकों और ऐप प्रदाताओं को प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है. डिजिटल पेमेंट सिस्टम होगा तैयार स्वीकार्य प्रोत्साहन राशि का परिकलन तिमाही आधार पर प्रोसेस किए गए लेनदेन के मूल्य के अनुसार किया जाना है. यह प्रोत्साहन योजना बैंकों और अन्य भुगतान प्रणाली संचालकों को एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करके डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देगी और रूपे डेबिट कार्ड और भीम - यूपीआई को आबादी वाले सभी क्षेत्रों और वर्गों में किफायती डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देगी. आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत विभिन्न डिजिटल पहल के अनुरूप, यह योजना किफायती और उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजिटल भुगतान समाधान के रूप में डिजिटल भुगतान के स्वदेशी रूप से विकसित तरीकों, जैसे- भीम-यूपीआई लाइट/भीम-यूपीआई लाइट एक्स, यूपीआई और भीम-यूपीआई को बढ़ावा भी देगी. 3,500 करोड़ रुपए का बजट पेश सरकार ने “रूपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (व्यक्ति से व्यापारी) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को 3,500 करोड़ रुपए के वित्तीय परिव्यय के साथ एक वर्ष की अवधि के लिए जारी रखने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. यह एक्वायरिंग बैंकों को नीचे दी गई प्रोत्साहन राशि की दरों और अन्य ब्यौरों के अनुसार वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करेगा. बैंकों के दावों की प्रतिपूर्ति तिमाही आधार पर निम्नलिखित सीमा तक की जाएगी. योजना की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान बैंकों के लिए स्वीकृत दावा राशि का 100 प्रतिशत और योजना की चौथी तिमाही के लिए रूपे के लिए स्वीकृत दावा राशि का 90 प्रतिशत और बैंक के लिए भीम यूपीआई के लिए - अनुमोदित दावा राशि का 80 प्रतिशत वितरित किया जाना है. योजना के लिए वित्तीय परिव्यय 3,500 करोड़ रुपए इस योजना की अवधि एक वर्ष, 1 अप्रैल, 2023 से मार्च 31, 2024 तक है. इस योजना के लिए वित्तीय परिव्यय (financial outlay) 3,500 करोड़ रुपए है, जिसमें रूपे डेबिट कार्ड के लिए 500 करोड़ रुपए और भीम-यूपीआई के लिए 3000 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं. यह आबंटन भीम-यूपीआई से रूपे डेबिट कार्ड में तो प्रतिमोच्य है, लेकिन रूपे डेबिट कार्ड से भीम यूपीआई में प्रतिमोच्य नहीं है. वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव (डीएफएस), वित्तीय सलाहकार और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान (डीएफएस) समय पर समीक्षा कर सकते - के परामर्श से इस योजना के अंतर्गत निधियों के उपयोग की समय (एनपीसीआई) निगम हैं और तदनुसार, यदि अपेक्षित हो तो इस योजना में परिवर्तन कर सकते हैं जिसमें उद्योग संबंधी कार्यक्रमों में शामिल व्यापारी की श्रेणियों को जोड़ना या हटाना शामिल है.