वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) अगले हफ्ते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks) के प्रमुखों के साथ मीटिंग करेंगी. वह इस मीटिंग में बैंकों के प्रदर्शन और कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था (Economy) को समर्थन देने में बैंकों की तरफ से हुई डेवलपमेंट की समीक्षा करेंगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि बैंकों से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में तेजी लाने के लिए उत्पादक क्षेत्रों के लिए लोन मंजूर करने की अपील की जाएगी.

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17 नवंबर से शुरू होगी

खबर के मुताबिक, सूत्रों के मुताबिक, दो दिन की मीटिंग 17 नवंबर से शुरू होगी और इसमें अलग-अलग क्षेत्रों की व्यापक समीक्षा और आत्मनिर्भर भारत अभियान सहित सरकारी योजनाओं की डेवलपमेंट का जायजा लिया जाएगा. बैंकों के बड़े अधिकारियों के अलावा अलग-अलग मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी भी मीटिंग में हिस्सा लेंगे और बैंकों के सामने प्रमुख मुद्दे रखेंगे और प्रक्रिया को सुगम बनाने के तरीके सुझाएंगे. इसके अलावा वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली इस मीटिंग में बुनियादी ढांचा मंत्रालयों, कृषि और संबद्ध विभागों के बड़े अधिकारी भी शामिल होंगे.

बैंकों को मिल सकती है पूंजी

सरकार चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Government Banks) में पूंजी डाल सकती है. बता दें, सरकार ने 2021-22 के बजट में सरकारी बैंकों में पूंजी डालने के लिए 20,000 करोड़ रुपये  अलॉट किया है. चालू वित्त वर्ष की अगली तिमाही में बैंकों की पूंजी की स्थिति की समीक्षा होनी है और जरूरत के आधार पर निवेश किया जाएगा.

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अप्रैल में लिया था ये फैसला

केंद्र सरकार ने इस साल अप्रैल में चार सरकारी बैंकों में 14,500 करोड़ रुपये डालने का फैसला लिया था. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 4,800 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक में 4,100 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया में 3,000 करोड़ और यूको बैंक में 2,600 करोड़ रुपये शामिल हैं. यह पूंजी निवेश वित्त वर्ष 2021 के लिए बाकी बजटीय अलॉटमेंट से बिना ब्याज वाले स्पेशल सरकारी प्रतिभूतियों के जरिये किया गया है.