देश में अक्‍सर बैंक कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की घटनाएं देखने को मिलती हैं. हाल के दिनों में ऐसे वाकये देखने को मिले हैं. बैंक कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी निभाने के लिए सुरक्षा उपलब्‍ध करने के लिए इंडियन बैंक्‍स एसोशिएशन (IBA) ने केंद्र सरकार से कानून में संशोधन की मांग की है. IBA के चीफ एग्जिक्यूटिव सुनील मेहता का कहना है कि बैंकर्स जो वसूली करते हैं, वो पब्लिक का पैसा होता है और रिकवरी के जरिए ही ग्राहकों को ब्याज और लोन दिया जाता है. इसलिए बैंकर्स को सुरक्षा देने के कानून में भी संशोधन करने की जरूरत है. IBA ने बैंकर्स प्रोटेक्‍शन एक्‍ट लाने की डिमांड रखी है.

बैंकर्स प्रोटेक्शन एक्ट जरूरी 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

IBA के सुनील मेहता का कहना है कि बैंकर जोखिम के साथ काम करता है. ऐसे में बैंकर्स को सुरक्षा देना चाहिए. स्थानीय लोगों की ओर से किसी तरह का दुर्व्‍यवहार और मारपीट की घटनाओं को रोकने के लिए बैंकर्स को सुरक्षा देने की जरूरत हैं. बैंक कर्मचारी सिर्फ अपनी ड्यूटी का पालन करता है. बैंकर्स जो वसूली करते है, वो पब्लिक का पैसा होता है. बैंक अगर रिकवरी नहीं करेगा तो लोन और ग्राहकों को ब्याज कैसे देगा.

 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

एक्‍सपर्ट से भी ले रहे राय

मेहता का कहना है कि रिकवरी करने वाले बैंकर्स को कानून की सुरक्षा मिलनी चाहिए. रिकवरी नहीं होने से इकोनॉमी और देश का ही नुकसान होगा. विजिलैंस के फ्रेमवर्क को नए रूप से लागू किया जा रहा है. कानून में भी संशोधन करने पर IBA ने मामला उठाया हुआ है. बैंकों से दिक्कत को समझ रहे है. कानून के एक्‍सपर्ट से भी राय IBA ले रहा है.