Digital Currency news: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को कहा कि डिजिटल करेंसी के साथ साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी मुख्य चुनौतियां हैं. आरबीआई के केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की तरफ कदम बढ़ाए जाने के साथ उन्होंने यह बात कही. पीटीआई की खबर के मुताबिक, मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद कहा कि नई व्यवस्था के मामले में साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी मुख्य चुनौतियां हैं. हमें इसको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.

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Digital Currency में भी नकली मुद्रा का है जोखिम

खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले नकली मुद्रा को लेकर चिंता रहती थी. इस प्रकार की चीजें सीबीडीसी के मामले में हो सकती है. इससे निपटने के लिए मजबूत सुरक्षा ढांचे के साथ दूसरे जरूरी उपाय करने की जरूरत होगी. डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि दो प्रकार के सीबीडीसी (Central Bank Digital Currency) होंगे. पहला थोक और दूसरा खुदरा होगा. थोक डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) के मामले में काफी काम हुआ है, जबकि खुदरा मामला थोड़ा जटिल है और इसमें कुछ समय लगेगा.

सरकारी मुद्रा के रूप में सीबीडीसी पर काम जारी

आरबीआई ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि उसने दुनिया के दूसरे प्रमुख केंद्रीय बैंकों के मुताबिक सरकारी मुद्रा के रूप में सीबीडीसी पर काम शुरू किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई इस मामले में अगले साल की शुरुआत में पायलट कार्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रहा है. शंकर ने साफ किया सीबीडीसी मौजूदा कागजी मुद्रा का इलेक्ट्रॉनिक एडिशन होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर जोखिम को लेकर बड़ी चुनौतियां हैं.

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उन्होंने कहा, थोक खाता आधारित मामले में काफी काम हुआ है. खुदरा मामला जटिल है और इसमें समय लगेगा. जो भी पहले तैयार होगा, उसे पायलट आधार पर जारी किया जाएगा. भारत सरकार ने हाल ही में भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बंद करने की बात कही है.