डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड ट्रांजेक्शन उपकरणों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने इन पर टोकन सुविधा देने की अनुमति दे दी है. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से इस संबंध में 08 जनवरी को दिशानिर्देश जारी किए हैं. निर्देशों के तहत अब बैंक ग्राहकों को अब खरीददारी के दौरान भुगतान के लिए अपने कार्ड का मूल नम्बर देने की जरूरत नहीं होगी.

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क्या हैं दिशानिर्देश

आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के तहत मास्टरकार्ड और वीसा जैसे प्रमुख कार्ड नेटवर्क्स अब कार्ड पर टोकन की सुविधा दे सकेंगे. इसके लिए कार्डधारक को टोकन सुविधा मुहैया कराने वाले ऐप पर आने कार्ड को पंजीकृत करना होगा. निर्देशों के तहत यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क होगी. टोकन से होने वाले ट्रांजेक्शन के मामले में भी पिन एंट्री जैसे  आरबीआई के सभी सुरक्षा निर्देश लागू होंगे.

क्या है टोकन का मतलब

दरअसल टोकन सुविधा के तहत बैंक की ओर से जारी किए जाने वाले विशिष्ट टोकन उपभोक्ता के कार्ड की संवेदनशील जानकारी को साझा नहीं होने देगा. उपभोक्ताओं को ट्रांजेक्शन में कार्ड की जगह पर सिर्फ टोकन का प्रयोग करना होगा. ऐसे में टोकन का उपयोग प्वाइंट ऑफ सेल, टर्मिनल और क्यूआरकोर्ड के लिए काना होगा. गौरतलब है कि डेबिट व क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग या पिन चोरी कर बड़े पैमाने पर साइबर ठगी की जाती है. ऐसे में टोकन की सुविधा के तहत आपको भुगतान करने के लिए कार्ड का प्रयोग ही नहीं करना होगा. ऐसे में क्लोनिंग की संभावना खत्म हो जाएगी. यह सुविधा शुरुआत में सिर्फ मोबाइल व टैबलेट में मिलेगी. बाद में इसे अन्य डिवाइसों पर भी देने पर विचार किया जा सकता है.

कैसे काम करता है टोकन

टोकन सुविधा के तहत आपको किसी भी तरह का भुगतान करने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड को स्वाइप करना होगा लेकिन लेकिन इस प्रक्रिया में लेनदेन के लिए आपके कार्ड का मूल नम्बर प्रयोग नहीं होगा. इसके लिए आपको दिया गया टोकन नम्बर प्रयोग होगा. हर लेनदने के लिए नया टोकन नम्बर प्रयोग होगा. टोकन नम्बर कुल 16 अंकों का होगा. सबसे अधिक फायदा ऑनलाइन शॉपिंग करने के दौरान होगा. इस सुविधा के लिए बैंक आपसे कोई भी शुल्क नहीं लेंगे. आरबीआई ने अपने निर्देशों में इस बात को स्पष्ट कर दिया है.