Credit Card Tips: अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड पर ज्यादा ब्याज (Credit Card Interest Rate) भर-भरके परेशान हो गए हैं तो आपको क्रेडिट बैलेंस ट्रांसफर (Credit Balance Transfer) के बारे में पता होना चाहिए. एक ये तरीका अपनाकर आप अपने क्रेडिट कार्ड के ब्याज का बोझ कम कर सकते हैं. इस सुविधा के तहत आप अपने क्रेडिट कार्ड का कर्ज एक दूसरे क्रेडिट कार्ड पर ट्रांसफर करा लेते हैं, जिसपर आपको कम ब्याज देना होता है. आइए बताते हैं कि क्रेडिट कार्ड पर बैलेंस ट्रांसफर (Credit Card Balance Transfer) क्या होता है और आपको इसपर फायदा कैसे मिलता है. साथ ही ये भी जानेंगे कि क्या बैलेंस ट्रांसफर करने के कुछ नुकसान भी हैं? अगर हैं तो क्या?

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बैलेंस ट्रांसफर के क्या हैं फायदे-नुकसान? (Pros & Cons of a Balance Transfer Card)

अगर आपको लगता है कि बैलेंस ट्रांसफर से आपका बजट सुधर सकता है और आपके ऊपर ब्याज का बोझ कम हो सकता है तो हम आपको यहां इसके कुछ फायदे और नुकसान बता रहे हैं, ताकि आप अपनी जरूरत के हिसाब से सही फैसला ले सकें.

बैलेंस ट्रांसफर के फायदे (Pros)

बैलेंस ट्रांसफर के नुकसान (Cons)

1. आपको एक लिमिटेड टाइम तक जीरो इंटरेस्ट की सुविधा मिलती है. अगर आपको 0% APR यानी एनुअल परसेंटेज रेट मिलता है तो आप ब्याज पर पैसे बचा सकते हैं. 1. बैलेंस ट्रांसफर कराने के लिए आपको बैलेंस ट्रांसफर फीस देनी होगी. इस सर्विस के तहत आपको अपने कुल बैलेंस का 3 से 5% फीस देनी होती है.
2. अपने कर्ज को कंसॉलिडेट कराने से आपके लिए कर्ज चुकाना आसान हो जाता है. यानी कि आप इस कार्ड में अपने कई कर्ज एक साथ क्लब करा सकते हैं, इससे आपको एक बार में ही एक ही जगह पैसे चुकाने होंगे. 2. बैलेंस ट्रांसफर कराने पर आपको ध्यान देना चाहिए कि आप इसकी शर्तों और जरूरतों को पूरा भी करें. वर्ना होगा ये कि आपने बैलेंस तो ट्रांसफर करा लिया, लेकिन आपने अपनी खर्चे की आदतें नहीं बदलीं, जिससे कि आपका पहले का कर्ज तो रहा ही, इस नए कार्ड पर और भी खर्च बढ़ गया.
3. एक ही कार्ड पर क्रेडिट कंसॉलिडेट करने पर आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो कम रहेगा, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित नहीं होगा.  3. आपको ये भी पता होना चाहिए कि बैलेंस ट्रांसफर के लिए आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा होना चाहिए. बैंक इसके लिए अच्छे क्रेडिट स्कोर को तरजीह देते हैं.
4. आपको कुछ बैलेंस ट्रांसफर कार्ड्स पर कंज्यूमर प्रोटेक्शन और रिवॉर्ड पॉइंट्स जैसे एक्स्ट्रा बेनेफिट्स भी मिल सकते हैं. 4. आखिर में, बैलेंस ट्रांसफर कराने पर आपको कोशिश करनी होगी कि आप इंट्रोडक्टरी APR ऑफर के खत्म होने से पहले अपना कर्ज चुका लें. यानी कि आपको जो कम ब्याज की अवधि मिल रही है, उसके अंदर-अंदर अपना कर्ज भर लें, क्योंकि ये अवधि खत्म होने के बाद आपको रेगुलर APR पर ब्याज भरना होगा, जिससे कि बैलेंस ट्रांसफर का कोई खास मतलब नहीं रह जाएगा.